बिना स्टाफ के होटलों में कैसे चलेगा काम
नहीं लौट रहे कोरोना काल में घरों को गए कर्मचारी, आपसी खींचतान से और बढ़ रही परेशानी
निजी संवाददाता — केलांग
करीब डेढ़ साल से अधिक समय बीत जाने के बाद कुल्लू-मनाली के होटलों में भले ही रौनक लौट आई है, लेकिन अभी भी कई होटल मालिक मंदी की मार झेल रहे हैं। जिन होटलों का अब कारोबार पर्यटन की रफ्तार पकडऩे लगा है, उन होटल मालिकों को स्टाफ के घर लौट जाने पर दिक्कत का सामना करना पड़ा है। होटल बंद होने के चलते कर्मचारी घर लौट गए थे, जिन्होंने अपनी खेती का काम भी शुरू कर दिया है। वे होटल कर्मी अब वापस नहीं लौट रहे हैं। जिन होटलों में चंद कर्मी बचे थे, उन्हें दूसरे होटल वाले अपने पास अधिक पैसे देने का लालच देकर बुला रहे हैं, जिस कारण से कुछ होटल मालिकों को स्टाफ न होने के चलते होटल चलाना मुश्किल हो गया है। बिना स्टाफ के होटल मालिक होटल खोल नहीं पा रहे हैं। यह समस्या इन दिनों पर्यटन नगरी सहित अन्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों के होटल मालिक झेल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से मनाली के होटल मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिस कारण से अब नौबत यहां तक पहुंच चुकी है कि होटल मालिकों के बीच भी आपसी खींचतान शुरू हो गई है।
मनाली के होटल मालिक राज कुमार, नवीन कुमार शर्मा की मानें तो पहले ही न के बराबर पर्यटक होने के कारण स्थानीय होटेल व्यवसायीयों को स्टाफ छुट्टी पर भेजना पड़ था। अब जब कभी कुछ बुकिंग आ जाती है, स्टाफ को पुन: वापस लाना संभव नहीं हो रहा। कुछ होटेल मालिक दूसरे होटेल के ही कर्मचारियों को ज्यादा पैसों का लालच दे कर आकर्षित करने में लगे हुए हैं। होटेल व्यवसायी की मानें तो यह प्रचलन ठीक नहीं। इससे आपसी सोहार्द भी बिगड़ रहा है। कुछ बड़े होटल जिन्होंने अपने स्टाफ को कोरोना के चलते घर भेज दिए थे। होटल मालिकों की मानें तो अपने नियमित स्टाफ को जिन्हें छुट्टी पर भेजा है, वह ऐसे हालात व कम पैसों पर वापस आना नहीं चाहते। शिमला से हिमाचल प्रदेश टूरिज़्म स्टेट होल्डर के प्रधान महेंद्र सेठ की मानें तो उनका स्टाफ खेती या अन्य व्यवसाय में अधिक पैसा मिलने की स्थिति में वापस नहीं आना चाहता। ऐसे में पर्यटन कारोबार चलने की स्थिति में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उनके अनुसा अनाधिकृत होम स्टे व गेस्ट हाउस ने इस कोरोना के मुश्किल समय में होटेलियर की कमर तोड़ कर रख दी है। सरकार उन पर अंकुश लगाए तभी स्थिति में सुधार हो सकता है। मनाली, धर्मशाला, डलहोजी, लाहुल-स्पीति व अन्य पर्यटक स्थलों में भी होटेल स्टाफ की कमी से कारोबारी परेशान दिख रहे हैं। मनाली के नरेंद्र राणा कहते हंै कि आज के हालात अनुसार पूरा स्टाफ रखना भी मुश्किल हो रहा है ओर जो है, उन्हें छुट्टी पर भेजना भी मुश्किल है। क्योंकि जो जा रहे हैं वे वापस नहीं आ रहे। मनाली होटेलियर व होटेल, रेस्तरां के अध्यक्ष बुद्धि प्रकाश ठाकुर ने कहा कि भारी खर्चे, कम आमदनी और ऊपर से स्टाफ की कमीे इस तरह के मार के चलते आज टूरिज्म क्षेत्र नाजुक दौर से गुजर रहे हैं।
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