मजदूरी करने को मजबूर शारीरिक शिक्षक
दिव्य हिमाचल ब्यूरो — कुल्लू
हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों की बीते चार साल से कोई भर्ती नहीं हो पाई है, वहीं कोई रोजगार न होने के चलते सभी शारीरिक शिक्षक बेरोजगारी के चलते दिहाड़ी मजदूरी करने को मजबूर हो गए हैं। अब बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ ने प्रदेश सरकार को भी चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही स्कूलों में उनकी भर्ती नहीं की गई तो वे सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे। बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ जिला कुल्लू ने भी इस बारे एक बैठक आयोजित की और निर्णय लिया कि वे अब सरकार के साथ लड़ाई लडऩे को रणनीति बनाएंगे, ताकि हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार 18 सौ शारीरिक शिक्षकों को रोजगार मिल सके। बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ इकाई कुल्लू के सदस्यों ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर भी रोष व्यक्त किया संघ के अध्यक्ष हर्ष महंत, राकेश, पीतांबर, रमेश, वेद, अजय का कहना है कि जब से सत्ता पर भाजपा सरकार काबिज हुई है, तब से शारीरिक शिक्षक की कोई भी भर्ती नहीं की गई है।
हालांकि मुख्यमंत्री ने साल 2018 में शारीरिक शिक्षक के पद भरने की बात कही थी, लेकिन वह आज तक अपनी बात को पूरी नहीं कर पाए। प्रदेश के स्कूलों का हाल यह है कि वहां पर बच्चों को शारीरिक शिक्षा देने के लिए शिक्षकों के पद भी काफी समय से खाली पड़े हुए हैं। बेरोजगार शिक्षकों का कहना है कि रोजगार न होने के चलते उन्हें मजबूरन खेतों में काम करना पड़ा है या फिर उन्हें मजदूरी करनी पड़ रही है, ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकंे। ऐसे में प्रदेश सरकार को भी बेरोजगार शिक्षकों के बारे में नीति बनानी चाहिए। बेरोजगार शिक्षक राकेश का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में कई जिलों में बैकलॉग के तहत शारीरिक शिक्षकों के पद भरे गए हैं, लेकिन कुल्लू और कांगड़ा में बैकलॉग के तहत कोई भी शारीरिक शिक्षक के पद नहीं भरे गए हैं। इससे साफ पता चलता है कि प्रदेश सरकार बेरोजगार शिक्षकों की अनदेखी कर
रही है।
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