गिरि नदी का बढ़ा जलस्तर, 2.85 मीटर रिकार्ड

By: Aug 4th, 2021 12:16 am

1995 में आई थी सबसे भयंकर बाढ़, डिस्चार्ज स्तर 1787.59 क्यूसेक रिकॉर्ड, सरकारी और निजी लिफ्टों से नदी के अस्तित्त्व को खतरा

बीआर चौहान – यशवंतनगर
बीते जुलाई माह के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने से गिरि नदी का जल स्तर में आशातीत वृद्धि दर्ज हुई है। मरयोग स्थित केंद्रीय जल आयोग के प्रभारी प्रमोद कुमार ने बताया कि इस साल 28 जुलाई को करीब सायं चार बजे गिरि नदी का जलस्तर 2.85 मीटर रिकार्ड किया गया, जो कि इस बरसात के मौसम का सर्वाधिक जलस्तर माना जा रहा है, जबकि इन दिनों गिरि नदी का जल स्तर घटकर 1.20 मीटर रह चुका है। जल स्तर बढऩे व गाद आने से गिरि नदी पर बनी कई पेयजल व सिंचाई योजनाएं प्रभावित हुई हैं। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष बरसात के दौरान बहुत कम बारिश होने से गिरि नदी अधिकतर जलस्तर केवल 1.35 मीटर बढ़ा था।

गिरि नदी के किनारे रहने वाले कई गांव के बुजुर्गों ने बताया कि अतीत में गिरि नदी में बहुत ज्यादा बाढ़ थी, जिसकी पैमाइश ग्रामीणों द्वारा नदी में पड़ी विशालकाय शिलाओं से की जाती थी, जिसके डूबने पर लोग उन शिलाओं पर बकरे की बलि दिया करते थे। प्रमोद कुमार ने अतीत के रिकार्ड का उल्लेख करते हुए बताया कि गिरि नदी में 20 सिंतबर, 2008 को सबसे ज्यादा बाढ़ 903.80 मीटर रिकार्ड की गई थी, जबकि पांच मई, 1995 को सबसे ज्यादा डिस्चार्ज स्तर 1787.59 क्यूसेक रिकार्ड किया गया था।

उन्होंने कहा कि गिरि नदी का केचमेंट एरिया 1349 किलोमीटर है। उन्होंने बताया कि यशवंतनगर की समुद्र तल से ऊंचाई को मद्देनजर रखते हुए जल आयोग द्वारा जीरो मानक गेज 895 मीटर निर्धारित किया गया है और इस मानक गेज के आधार पर जल स्तर मापा जाता है। गौर रहे कि इस साल गर्मियों के मौसम में गिरि नदी का जलस्तर घटकर केवल 35 सेंटीमीटर रह गया था, जोकि बीते कई वर्षों की तुलना में काफी कम रिकार्ड किया गया था, जिसका मुख्य कारण लिफ्टों से अत्याधिक पानी का दोहन करना बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार गिरि नदी के उदगम स्थल खड़ा पत्थर से लेकर यशवंतनगर तक करीब तीन हजार सरकारी व प्राइवेट लिफ्टें लगी हैं, जिस कारण गिरि नदी का अस्तित्त्व खतरे में पड़ चुका है। प्रमोद कुमार ने बताया कि केंद्रीय जल आयोग द्वारा अब यशवंतनगर के गिरि नदी में स्वचालित सेटेलाइट कैमरा भी स्थापित किया गया है, जिसका कनेक्शन सीधे तौर पर जल आयोग के मंडल एवं उपमंडल कार्यालय दिल्ली से जुड़ा है। इस स्वचालित कैमरा के माध्यम से नदी के जल स्तर की प्रतिदिन रिपोर्ट दिल्ली जाती है जहां पर इसकी विशेषज्ञों द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की जाती है। (एचडीएम)


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