71 वर्ष की हुईं अभिनेत्री शबाना आज़मी

By: Sep 20th, 2021 12:01 am

मुंबई। बॉलीवुड की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री शबाना आजमी आज 71 वर्ष की हो गई। 18 सितंबर, 1950 को जन्मीं शबाना के पिता कैफी आजमी मशहूर शायर और गीतकार थे, जबकि मां शौकत आजमी रंगमंच की जानी-मानी अभिनेत्री थी।शबाना ने स्नातक की पढ़ाई दिल्ली के सेंट जेवियर कालेज से पूरी की और इसके बाद उन्होंने पुणे फिल्म इंस्टीच्यूट में दाखिला ले लिया। पुणे में अभिनय का प्रशिक्षण हासिल करने के बाद वह अभिनेत्री बनने के लिए 1973 में मुंबई आ गईं।

यहां उनकी मुलाकात निर्माता-निर्देशक ख्वाजा अहमद अब्बास से हुई, जिन्होंने उन्हें अपनी फिल्म फासले में काम करने का प्रस्ताव किया। यह फिल्म पूरी हो पाती उससे पहले ही उनकी फिल्म अंकुर प्रदर्शित हो गई। श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी और 1974 में प्रदर्शित फिल्म अंकुर हैदराबाद की एक सत्य घटना पर आधारित थी। इस फिल्म में शबाना आजमी ने लक्ष्मी नामक एक ऐसी ग्रामीण युवती का किरदार निभाया, जो शहर से आये एक कालेज स्टूडेंट से प्यार कर लेती है। फिल्म के निर्माण के समय श्याम बेनेगल ने अपनी कहानी कई अभिनेत्रियों को सुनाई, लेकिन सभी ने फिल्म में काम करने से मना कर दिया। कैरियर के शुरआती दौर में इस तरह का किरदार किसी भी अभिनेत्री के लिए जोखिम भरा काम हो सकता था, लेकिन शबाना आजमी ने इसे एक चैलेंज के रूप में लिया और अपने सधे हुए अभिनय से समीक्षकों के साथ ही दर्शकों का भी दिल जीतकर फिल्म को सुपरहिट बना दिया।

इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित की गई। वर्ष 1977 शबाना आजमी के सिने कैरियर का अहम पड़ाव साबित हुआ। इस वर्ष उन्हें जहां महान फिल्मकार सत्यजीत रे की फिल्म शतरंज के खिलाड़ी में काम करने का मौका मिला, वहीं फिल्म स्वामी में उत्कृष्ट अभिनय के लिए वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गई। इस बीच शबाना आजमी ने व्यावसायिक सिनेमा की ओर भी अपना रख कर लिया। इस दौरान उन्हें विनोद खन्ना के साथ परवरिश और अमर अकबर एंथोनी जैसी फिल्मों में काम करने का अवसर मिला, जिसकी सफलता ने उन्हें व्यावसायिक सिनेमा में भी स्थापित कर दिया। वर्ष 1982 में प्रदर्शित फिल्म अर्थ शबाना आजमी के लिये कैरियर की एक और महत्त्वपूर्ण फिल्म साबित र्हु।

महेश भट्ट के निर्देशन में बनी इस फिल्म में शबाना आजमी ने एक ऐसी शादीशुदा महिला का किरदार निभाया, जिसका पति उसे अन्य महिला के कारण छोड़ देता है। फिल्म के लिये शबाना आजमी दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित की गईं। वर्ष 1983 में प्रदर्शित फिल्म मंडी शबानी आजमी की अहम फिल्मों में शुमार की जाती है। श्याम बेनेगल निर्देशित इस फिल्म में उन्होंने वेश्यालय चलाने वाली रक्मणी बाई की भूमिका को पहले पर्दे पर साकार किया। इस भूमिका को स्वाभाविक बनाने के लिये उन्होंने अपना वजन भी बढ़ाया।

फिल्म के लिये वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से नामांकित भी की गयी। वर्ष 1984 में शबानी आजमी की मृणाल सेन निर्देशित फिल्म खंडहर और 1985 में गौतम घोष निर्देशित फिल्म पार प्रदर्शित हुयी। इन फिल्मों में उनके अभिनय के विविध रूप देखने को मिले। इन दोनों ही फिल्मों के लिए वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित की गई। वर्ष 1986 में इंडो-फ्रेंच बेल्जियन स्विस प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म जेनेसिस शबाना आजमी की एक और महत्वपूर्ण फिल्म है। मृणाल सेन के निर्देशन में बनी इस फिल्म में आदमी और औरत के बीच प्यार और उनके बीच तकरार को दिखाने के साथ ही राजस्थान के रेगिस्तान की खूबसूरती को भी पेश किया गया था।

इस फिल्म में नसीरद्दीन शाह और ओमपुरी ने भी मुख्य भूमिकाएं निभाईं। वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म फायर से शबाना आजमी को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई। वर्ष 1999 में प्रदर्शित फिल्म गॉडमदर में शबाना आजमी ने एक ऐसी महिला का किरदार निभाया, जो अपने पति की मौत के बाद माफिया डान बन कर भ्रष्ट राजनीतिक व्यवस्था के विरूद्ध आवाज उठाती है और अपने पति की मौत का बदला लेती है। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित की गयी। शबाना आजमी ने जावेद अख्तर के साथ शादी की है। शबाना आजमी चार बार फिल्म फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की जा चुकी है। फिल्मों में उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए वह 2006 में पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित की गईं। शबाना आजमी ने अपने तीन दशक लंबे सिने कैरियर में अब तक लगभग 130 फिल्मों में अभिनय किया है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App