न्यूक्लियर सबमरीन डील पर फ्रांस सख्त, अमरीका और आस्ट्रेलिया से राजदूत वापस बुलाए
90 बिलियन डालर की डील रद्द होने पर मैक्रों खफा
एजेंसियां — पेरिस
90 बिलियन आस्ट्रेलियाई डालर (करीब 66 बिलियन अमरीकी डालर) की सबमरीन डील हाथ से निकलने के बाद फ्रांस की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों अपनी छवि बचाने के लिए किसी तरह डैमेज कंट्रोल करने में लगे हुए हैं। इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए फ्रांस ने अमरीका और आस्ट्रेलिया से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। इस फैसले के बाद फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियन ने कहा कि यह निर्णय राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने लिया है। बता दें कि आस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम ब्रिटेन और यूनाइटेड स्टेट अमरीका के बीच एक समझौता हुआ है। इसे ‘ऑकस नाम दिया गया है। इसमें आस्ट्रेलिया को न्यूक्लियर पावर्ड (परमाणु ऊर्जा से चलने वाली) सबमरीन बनाने की तकनीक दी जाएगी। तीनों देशों के बीच हुई डील से फ्रांस बेहद नाराज है, क्योंकि इस डील के बाद फ्रांस और आस्ट्रेलिया के बीच 2016 में हुआ 12 सबमरीन बनाने का सौदा खत्म हो गया है। यह डील अरबों डालर की थी।
इसके तहत आस्ट्रेलिया, फ्रांस को 90 बिलियन आस्ट्रेलियाई डालर चुकाने वाला था। व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर फ्रांस के इस कदम को खराब बताया है। अमरीका की तरफ से कहा गया कि वे फ्रांस से मतभेद दूर करने के लिए बातचीत करते रहेंगे। आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मरीस पेन ने कहा कि फ्रांस वे फ्रांस से अच्छे संबंध की उम्मीद करती हैं, आस्ट्रेलिया बातचीत जारी रखेगा। इस राजदूत को बुलाना अच्छा नहीं है।
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