जापानी फल ने भरीं बागबानों की जेबें
मार्केट में 50 से 60 रुपए प्रति किलो मिल रहे दाम, बागबान हो रहे मालामाल
स्टाफ रिपोर्टर — भुंतर
नाशपती और सेब की कम फसल से मात खाए कुल्लू के बागबानों के लिए जापानी फल अब तारणहार बन रहा है। मार्केट में इस फल के आने के कारोबारी हाथों हाथ खरीद रहे हैं तो बागबानों के चेहरे पर रौनक लौट आई है। मार्केट सूत्रों के अनुसार 50 से 60 रुपए प्रति किलो तक के दाम फसल को मिल रहे हैं। हाल ही के सालों में अनार के बाद जापानी फल को भी कुल्लू की आबोहवा रास आ रही है। इसका रकबा बढऩे के बाद उत्पादन में भी इजाफा हो रहा है।
लिहाजा, बागबानों को कमाई का एक और विकल्प इसने दिया है, जिसके चलते जिला कुल्लू के बागबान केवल सेब, नाशपाती, प्लम पर ही निर्भर नहीं हैं। बागबान सेब की विभिन्न किस्मों के सेब तैयार करने के साथ-साथ जापानी फल की भी कई किस्मों को बागीचों में तैयार कर रहे हैं और मार्केट में अच्छे रेट हासिल कर रहे हैं। जिला के प्रगतिशील बागबान ओम प्रकाश, तीर्थ राम, हरि चंद, दुष्यंत ठाकुर, ओम चंद सहित अन्य का कहना है कि जहां बागबान साल भर सेब के बागीचों में मेहनत करने में लगे रहते हैं, वहीं अन्य फलों की ओर भी अपना ध्यान दे रहे हैं।
बागबानों की मानें तो जापानी फल के दाम उन्हें सब्जी मंडियों सहित बाहरी मंडियों में काफी अच्छे मिलते हैं। उनकी पैदावार की ओर भी अपना ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहा है। घाटी के बागबानों की मानें तो जापानी फल से कम मेहनत किए, वे अच्छे दाम पा रहे हैं। बागबान जापानी, अनार सहित अन्य विभिन्न तरह के फलों की ओर अपना रुझान बढ़ा रहे हैं। बागबानों की मानें तो उन्हें जापानी फल से 50 से 60 रुपए प्रतिकिलो तक दाम बागीचों में ही बाहरी व्यापारी दे रहे हैं। ऐसे में वे अच्छी कमाई कर रहे हैं। जिला कुल्लू की मार्केट कमेटी के सचिव सुशील गुलेरिया के अनुसार जिला भर की मार्केट में अब अनार के बाद जापानी फल भी बड़ी मात्रा में आने लगा है। उन्होंने बताया कि बागबानों को इसके बेहतर दाम मिल रहे हैं।
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