छठ पर्व… निर्जल कठोर व्रत शुरू, आज दिया जाएगा अध्र्य
पर्व को लेकर प्रवासियों में भारी उत्साह; सुन्नी व तत्तापानी जलाशयों का रुख करेंगे प्रवासी ,पानी में खड़े रहकर भगवान सूर्य की होगी उपासना
स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
पूर्वांचल में मनाया जाने वाला प्रवासियों का छठ पर्व और इसका व्रत मंगलवार से आरंभ हो गया है। यह निर्जल और कठोर व्रत होता है और चार दिनों तक यह व्रत किया जाता है। मंगलवार से शुरू हुए कठोर व्रत के तहत भगवान सूर्य को बुधवार सांय पहला अध्र्य दिया जाएगा, जबकि शुक्रवार सुबह सूरज निकलने के बाद दूसरा व अंतिम आध्र्य के साथ व्रत संपन्न होगा। व्रतधारियों ने बाजारों से खरीददारी की और व्रत का सामान लिया। प्रवासियों ने काम की तलाश में हिमाचल के विभिन्न हिस्सों में दस्तक दी है और यहां आने के कारण उनके पर्वों की झलक भी इस क्षेत्र के लोगों को देखने को मिलती है।
यहां कार्यरत प्रवासियों ने छठ पर्व की तैयारियां पिछले कई दिनों पहले ही शुरू कर दी थी। छठ पर्व के पहले दिन महिलाएं अपने परिवार की सुख शांति के लिए पूजा-अर्चना कर व्रत रखकर शाम को मीठा भोजन करती है। दूसरे रोज पूरा दिन व्रत रखने वाली महिलाएं व पुरुष शाम को विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर नदी, तालाबों व अन्य जलाशयों में जाकर अस्ताचंल गायी सूर्य को अध्र्य अर्पित करती है और अगले दिन उदीयमान सूर्य को अध्र्य देकर अपना व्रत संपन्न करती है। छठ पूजा चार दिवसीय उत्सव है और इसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को और समाप्ति कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होती है। व्रतधारी व्रत के दौरान पानी तक ग्रहण नहीं करते है। लहसून और प्याज वज्र्य है। जिन घरों में यह पूजा होती है, वहां भक्तिगीत गाए जाते है। इस व्रत को महिला व पुरुष दोनों करते है।
छठ पर्व…परवाणू में प्रवासियों की तैयारियां पूरी
परवाणू । छठ पर्व त्योहार मनाने के लिए परवाणू के प्रवासी श्रमिक उत्साह पूर्वक विशेष रूप से तैयारियों में जुटे हुए हैं। प्रवासी श्रमिकों में उक्त पर्व को मनाने के लिए उत्साह देखते ही बनता है। ज्ञात हो कि छठ पर्व में प्रवासियों की अटूट आस्था होती है।पर्व पर प्रवासी श्रमिकों द्वारा तरह तरह की सब्जियां, फल फ्रूट व अन्य सामग्री की दुकानों में विक्रेता सुबह से ही सजा के बैठे हुए है जिसकी प्रवासी श्रमिक खऱीदारी में जुटे हुए है। उक्त त्योहार मनाने के लिए सेक्टर पांच में खड्ड किनारे पूर्व पार्षद संजय यादव, वार्ड-चार पार्षद चंद्रावती द्वारा छठ पर्व पर विशेष आयोजन हेतु तैयारियों में जुटे हुए थे इस पर्व प्रवासी श्रमिकों द्वारा रात्रि में पूजा स्थल के पास भक्तों हेतु भजन हेतु विशेष व्यवस्था की गई है
साल भर रहता है पर्व का इंतजार
शिमला के जुब्बड़ व आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले प्रवासियों शोभा देवी, अमित कुमार, चंदन, कल्लू, मंजु देवी, सुनीता देवी, सुमन देवी, अंदिश कुमार आदि ने कहा कि इस पर्व को लेकर उन्हें वर्षभर इंतजार रहता है और पुत्र प्राप्ति के बाद इस व्रत को लिया जाता है। व्रत से कई दिन पहले इसकी तैयारियां शुरू हो जाती है और ढाई दिन तक भूखा प्यासा रहकर व्रतधारी नियमों का पालन करते हुए इस कठोर व्रत को पूर्ण करते है। उन्होंने कहा कि नजदीक में कोई जलाशय न होने के कारण व्रतधारी गाडिय़ों को किराए पर लेकर सुन्नी व तत्तापानी आदि के क्षेत्रों में जाकर जलाशयों में जाकर भगवान सूर्य को आध्र्य देकर पूजा विधि संपन्न करते है।
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