बीएड को जेबीटी का हक देने पर भड़के प्रशिक्षु

By: Nov 30th, 2021 12:20 am

जेबीटी यूनियन ने हमीरपुर के गांधी चौक पर किया प्रदर्शन

स्टाफ रिपोर्टर—हमीरपुर
बीएड को जेबीटी पदों के लिए योग्य करार देने पर जेबीटी प्रशिक्षु भड़क उठे हैं। इनका कहना है कि बीएड को जेबीटी का लाभ देना इनके हकों के साथ खिलवाड़ है। यदि ऐसा ही करना था तो इनकी दो साल की पढ़ाई का क्या औचित्य रहेगा। अपने हकों के लिए गांधी चौक पर जेबीटी प्रशिक्षु जमकर गरजे और अपने हक के लिए आवाज बुलंद की। जेबीटी प्रशिक्षुओं ने यहां तक कह डाला कि इस तरह का फैसला सरासर गलत है। बीएड वालों को जेबीटी का लाभ नहीं मिलना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो जेबीटी को समय पर इनके प्रशिक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा। प्रशिक्षुओं ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस फैसले पर विचार करें तथा जेबीटी के हकों का हनन न होने दें। यदि ऐसा हुआ तो आगामी समय में जेबीटी प्रशिक्षु कोई कठोर निर्णय लेने के लिए बाध्य होंगे।

जेबीटी यूनियन हमीरपुर के अध्यक्ष अश्विन सोनी ने कहा कि कई राज्यों में जेबीटी के लिए पदों का प्रावधान है तथा इसमें बीएड को शामिल नहीं किया गया है। जेबीटी कर चुके अभ्यर्थी रमन पटेल का कहना है कि हिमाचल पहला ऐसा राज्य है जहां पर बीएड के हक में फैसला दिया गया है। हालांकि दिल्ली, हरियाणा तथा राजस्थान में जेबीटी के पदों पर बीएड का कोई हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में ट्रेंड जेबीटी और ट्रेनिंग कर रहे जेबीटी की संख्या पदों से काफी ज्यादा है। ऐसे में बीएड करने वालों को जेबीटी का लाभ देना जेबीटी करने वालों के हकों के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने एसएमसी के हक में भी ऐसी परिस्थितियों में रिव्यू पिटिशन किया था। जेबीटी के हकों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ऐसा फैसला ले। हमीरपुर के नौ जेबीटी महाविद्यालय में लगभग 2000 प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। यदि प्रशिक्षित और प्रशिक्षुओं की बात करें, तो इनका आंकड़ा प्रदेश में लगभग 40 हजार है। ऐसे में जेबीटी के लाभ पर बीएड को योग्य करार देना इन 40 हजार परिवारों के साथ सरासर अन्याय है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जेबीटी के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके पक्ष में निर्णय लिया जाए।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App