ऊना में गो सेंक्चुरी का सपना अधूरा

By: Dec 6th, 2021 12:16 am

पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर के दावे फेल, साइट सिलेक्शन होने के बाद भी काम वहीं का वहीं

स्टाफ रिपोर्टर- गगरेट
सियासत की चक्की में जनता से जुड़े मुद्दे कैसे पिस कर रह जाते हैं इसकी बानगी देखिए। बेसहारा पशुओं की समस्या से जनता को निजात दिलाने के लिए गगरेट-होशियारपुर रोड पर गो अभ्यारण्य की स्थापना के दिखाए गए सपने का हश्र बिलकुल वैसा ही हुआ जैसे आंख खुलने पर किसी सपने का हश्र होता है। गो अभ्यारणय की स्थापना तो दूर बल्कि इसकी स्थापना के लिए कोई फाइल भी अभी तक चल नहीं पाई है। हालांकि विधायक राजेश ठाकुर के प्रयास पर गो अभ्यारण्य की स्थापना के लिए साइट सिलेक्शन को पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर व तत्कालीन उपायुक्त राकेश प्रजापति भी यहां पहुंचे, लेकिन गो अभ्यारण्य विकसित करने का ख्वाब ऐसे टूटा है जैसे पानी का बुलबुला। बेसहारा पशुओं की समस्या से किसान भी परेशान नहीं बल्कि आम आदमी भी परेशान है। बेसहारा पशुओं को लेकर सरकार की सुस्ती पर तल्ख प्रदेश उच्च न्यायालय भी गोशालाएं खोलने का निर्देश प्रदेश सरकार को दे चुका है, लेकिन सरकार कान में तेल डालकर ऐसे आराम से बैठी है जैसे इस समस्या का हल हो गया हो। बहरहाल किसानों की फसलों को उजाड़ रहे और सड़क पर साक्षात यमराज का रूप बन कर घूम रहे आवारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिए विधायक राजेश ठाकुर ने बड़ी गर्मजोशी के साथ गगरेट क्षेत्र में गो अभ्यारण्य स्थापित करने का बीड़ा उठाया, ताकि इस गो अभ्यारण्य में एक साथ सैकड़ों बेसहारा पशुओं को रखा जा सके। इसके लिए बकायदा पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर व तत्कालीन उपायुक्त राकेश प्रजापति राजस्व कर्मियों के अमले के साथ साइट सिलेक्शन के लिए भी आए और गगरेट-होशियारपुर रोड पर राज्य कर एवं आबकारी विभाग के नाके के समीप जमीन को गो अभ्यारण्य के लिए फाइनल कर लेने का भी दावा किया गया।

विधायक राजेश ठाकुर ने भी छाती ठोक कर कहा कि कुछ भी हो जाए बेसहारा पशुओं की समस्या से जनता को निजात दिलाने के लिए यहां गो अभ्यारण्य खुलकर रहेगा। जनता ने भी बेसहारा पशुओं के आतंक से शीघ्र निजात मिल जाने की आस में गो अभ्यारण्य की स्थापना के फैसले का दिल खोल कर स्वागत किया, लेकिन सत्तारूढ़ दल का यह वादा भी ठेठ राजनेताओं के वादे जैसा ही निकला। गो अभ्यारण्य की स्थापना के लिए कोई कार्रवाई होना तो दूर की बात बल्कि कोई फाइल तक नहीं सरकी। नतीजतन गो अभ्यारण्य भी अनिश्चितता की धुंध में कहीं खो गया। अब भी बेसहारा पशु इलाके में बड़ी समस्या बने हैं, लेकिन अब इस प्रकार आंखें मूंद ली गई हैं जैसे इस समस्या का स्थाई समाधान कर दिया गया हो। एसडीएम विनय मोदी का कहना है कि उनके समय में गो अभ्यारण्य की स्थापना के लिए कोई योजना नहीं बनी थी और न ही कोई ऐसी फाइल है, जिसमें गो अभ्यारण्य की स्थापना का जिक्र हो।

राकेश कालिया ने साधा निशाना

उधर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव एवं पूर्व विधायक राकेश कालिया का कहना है कि यह जुमलाबाजों की सरकार है। बस ये लोग जुमलेबाजी में ही अव्वल हैं। ये चाहें तो गंजों को कंघी बेच दें, लेकिन इनसे विकास की उम्मीद बेमानी है। उन्होंने कहा कि विधायक अब जनता को बताएं कि गो अभ्यारण्य का क्या बना।


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