Himachal Pradesh Vidhansabha : पुलिस पे-बैंड पर विपक्ष का वॉकआउट, जमकर हंगामा

By: Dec 12th, 2021 12:15 am

प्रश्नकाल शुरू होने से पहले कांग्रेस ने दिया काम रोको प्रस्ताव

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा अलग से लगा है सवाल
सदन में भिड़े राकेश जम्वाल और नए विधायक भवानी पठानिया

राज्य ब्यूरो प्रमुख—धर्मशाला
पुलिस पे-बैंड के विवाद पर विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन खूब हंगामा हुआ। शनिवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर प्रश्नकाल से पहले कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने सदन में यह मामला उठाया। पहले विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें प्रश्नकाल तक मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि कांग्रेस विधायकों जगत सिंह नेगी, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, नंदलाल और मोहनलाल ब्राकटा की तरफ से उन्हें नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव मिला है।

इसमें पुलिस कर्मचारियों में व्याप्त रोष को लेकर सदन में तुरंत चर्चा की मांग की गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसी विषय पर 13 दिसंबर को मानसून सत्र का स्थगित प्रश्न लगा है, जो राजेंद्र राणा, राकेश सिंघा, आशा कुमारी, पवन नैयर और अनिरुद्ध सिंह ने पूछा है। इस सवाल के जवाब के दौरान जितने भी अनुपूरक प्रश्न होंगे, वह पूछे जा सकेंगे। इसीलिए इसी विषय पर काम रोको प्रस्ताव नियम अनुसार नहीं बनता।

इस तरह के साथ विधानसभा अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इससे नाराज विपक्ष ने अपनी-अपनी सीटों पर खड़ा होकर नारेबाजी शुरू कर दी। इसी नारेबाजी के दौरान भाजपा विधायक राकेश जम्वाल ने पुलिस को सरकार के खिलाफ भड़काने का आरोप लगाते हुए देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। इस मांग से कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक भवानी पठानिया को अचानक गुस्सा आ गया और वह जम्वाल से भिड़ गए। बाद में विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने नए विधायकों को सदन की परंपरा और मर्यादाओं के अनुसार ही व्यवहार करने को कहा। इसके बाद भी पक्ष के विधायक सदन के वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। कुछ देर सरकार विरोधी नारेबाजी के बाद विपक्ष के विधायक वाक आउट कर गए।

कांग्रेस ने बदला था धूमल सरकार का बनाया पे-बैंड

विपक्ष के वॉक आउट के बाद संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने विधानसभा में स्थिति भी स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मचारियों को संशोधित पे-बैंड 2015 में कांग्रेस सरकार ने ही बना कर दिया था। इसी के जरिए धूमल सरकार के दौरान बनाए गए पे-बैंड को 2013 से बदल दिया गया। इसी का खामियाजा अब पुलिस जवान भुगत रहे हैं, लेकिन अब कांग्रेस के नेता सदन के अंदर घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं। यह सारा किया धरा इनका ही है। सदन में पहले दिन भी संख्या बल न होने के बावजूद अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के विधायक दल में आपस में सहमति नहीं है और यह गुटों में बंटे हुए हैं।

पुलिस जवानों के परिजनों पर दर्ज केस रद्द करो

सदन से बहिष्कार के बाद मीडिया से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि सरकार पुलिस जवानों के साथ अन्याय कर रही है। पहले उनकी शिकायतें सुनने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री निवास बुलाया गया और उसके बाद सरकार सब भूल गई। पुलिस को जयराम सरकार पिछले 4 सालों से ठग रही है। इनके पे-बैंड में बहुत ज्यादा विसंगतियां हैं। उनको सही नहीं किया गया। जेसीसी में कांट्रेक्ट कर्मचारियों को तीन साल से दो साल कर दिया, लेकिन पुलिस वलों के लिए कुछ नहीं किया गया। पुलिस के परिवार के लोग जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के समक्ष खड़े हुए तो उन पर केस दर्ज किए गए। न तो उन्होंने कोई कानून हाथ में लिया न ही कोई विरोध किया। उसके बावजूद उन पर केस दर्ज किए गए। मांग लेकर कोई खड़ा होता है तो उस पर केस दर्ज करना ऐसा तो अंग्रेजों के जमाने में भी नहीं होता था।


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