फलों की डिमांड देखें…फिर खोजें नई किस्में

By: Dec 2nd, 2021 12:57 am

नौणी यूनिवर्सिटी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में जल शक्ति-बागबानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने किया आह्वान

निजी संवाददाता-नौणी
जल शक्ति, राजस्व, बागबानी एवं सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कृषि एवं बागबानी वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे हिमाचल की जलवायुगत परिस्थितियों के अनुसार शोध करें ताकि प्रदेश के किसान-बागबान इससे और अधिक लाभान्वित हों। महेंद्र सिंह ठाकुर बुधवार को डाक्टर यशवंत सिंह परमार बागबानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, सोलन के 37वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को स्थानीय स्तर पर पौधों में पनपने वाले रोगों की रोकथाम पर गहन अनुसंधान करना होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में कृषि एवं बागबानी क्षेत्र का महत्त्वपूर्ण योगदान है और नौणी स्थित बागबानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहा है।

बागबानी मंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप यह आवश्यक है कि वैज्ञानिक कृषि एवं बागबानी के क्षेत्र में नवाचार एवं तकनीकी नवाचार के लिए प्रयासरत रहें और इसे खेत तक पहुंचाएं। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे जल संरक्षण की दिशा में भी कार्य करें। उन्होंने कहा कि जल का पुन: चक्रण एवं एक-एक बूंद का संरक्षण भविष्य में कृषि क्षेत्र के लिए संजीवनी सिद्ध होगा। महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कहा कि हिमाचल प्रदेश की पूरे देश में फल राज्य के रूप में विशेष पहचान है तथा इस दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा सतत प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के निचले क्षेत्रों में बागवानी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 1688 करोड़ रुपए की परियोजना स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकार किन्नौर जिला के सेब को विश्वस्तरीय ब्रांड बनाने के लिए कृतसंकल्प है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए भारत सरकार द्वारा किन्नौर जिला के सेब के लिए 50 करोड़ रुपए की परियोजना आरंभ की गई है।

शिमला जिला के चौपाल क्षेत्र में अखरोट के लिए भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना भी आरंभ की गई है। बागबानी मंत्री ने प्रदेश के निचले जिलों में अमरूद, लीची, अनार इत्यादि के उत्पादन में बढ़ोत्तरी करने के लिए वैज्ञानिकों से अनुसंधान करने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि खुंभ के अपशिष्ट को बागबानी में प्रयोग करने की दिशा में भी कार्य किया जाना आवश्यक है। उन्होंने आशा जताई कि विश्वविद्यालय भविष्य में भी देश को श्रेष्ठ वैज्ञानिक प्रदान करता रहेगा। वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने इस अवसर पर कहा कि बागवानी वैज्ञानिकों को हिमाचल प्रदेश को देश का सर्वोत्तम फल उत्पादक क्षेत्र बनाने की दिशा में कार्य करना होगा। इससे जहां किसानों एवं बागबानों की आय में आशातीत बढ़ोत्तरी होगी। वहीं प्रदेश की आर्थिकी को भी संबल मिलेगा। उन्होंने आग्रह किया कि मांग और जलवायु के अनुरूप फलों की नई किस्में एवं रूट स्टॉक विकसित करें। उन्होंने कहा कि अनुसंधान को खेत तक पहुंचा कर ही किसान एवं बागबान को लाभान्वित किया जा सकता है।


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