रिश्तेदार के एक्सीडेंट ने वैज्ञानिक बना दी सलोनी

By: Jan 13th, 2022 12:05 am

11वीं कक्षा की छात्रा ने तैयार किया ड्राइविंग स्लीप सेंसिंग
इंस्पायर अवार्ड के लिए सिलेक्ट

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — हमीरपुर
इतिहास गवाह रहा है कि आज तक जितने भी अविष्कार हुए हैं, उन्हें करने के पीछे कोई न कोई बड़ी घटना जुड़ी रही है। राज्य स्तरीय इंस्पायर मानक अवार्ड के लिए चयनित होने वाले हमीरपुर जिला के पांच स्टूडेंट्स में से एक छात्र सलोनी शर्मा की कहानी भी कुछ ऐसी ही बताई जाती है। गाड़ी चलाते वक्त नींद की झपकी आने के कारण चार महीने तक जिंदगी-मौत से जूझते रहे अपने रिश्तेदार को देखकर सलोनी के मन में दो साल पहले ही ख्याल आ गया था कि गाड़ी में कुछ ऐसा होना चाहिए कि यदि आप अकेले भी जा रहे हैं और आपको नींद आ रही है तो वो आपको सोने न दे। फिर क्या था 11वीं कक्षा की सलोनी ने दो साल में ऐसा मॉडल बनाकर तैयार कर दिया कि एक तो उसका स्टेट लेवल के लिए चयन हो गया दूसरा यदि गुजरात स्थित नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) इसे सिलेक्ट कर देती है, तो आने वाले दिनों में यह उन करोड़ों वाहन चालकों के लिए मददगार होगा, जिन्हें गाड़ी चलाते वक्त कई बार नींद आ जाती है।

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (कन्या) हमीरपुर में 11वीं कक्षा में पढऩे वाली सलोनी की मानें तो जब वह नवमीं कक्षा में पढ़ती थी, तो उसके करीबी रिश्तेदार चंडीगढ़ से घर आ रहे थे, तभी अचानक नींद की झपकी आने से उनकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई थी और वह चार महीने तक पीजीआई में उपचाराधीन रहे थे। उसके बाद ही सलोनी को आइडिया आया था कि ड्राइवर स्लीप सेंसिंग होना चाहिए, जो कि बिलकुल चालक के सामने हो और यदि तीन सेकंड तक किसी कारणवश उसकी आंख नहीं खुलती है, तो उसका बजर बज उठे और वो जाग जाए। सलोनी ने बताया कि वह अपने साइंस टीचर की मदद से इस प्रोजेक्ट को बनाने में कामयाब हुई। उसे उम्मीद है कि उसका प्रोजेक्ट नेशनल के लिए सिलेक्ट होगा। जिला विज्ञान पर्यवेक्षक सुधीर चंदेल ने बताया कि जिला के पांच छात्रों का चयन राज्य स्तरीय इंस्पायर मानक अवार्ड के लिए किया गया है। यदि बच्चों के प्रोजेक्ट स्टेट में सिलेक्ट हो जाते हैं तो इन्हें नेशनल के लिए भेजा जाएगा। यदि आगे कोई मॉडल अप्रूव होता है, तो बच्चे को रॉयल्टी भी लग सकती है।


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