मोदी की फिरोजपुर रैली के विरोध पर किसान संगठनाें में मदभेद, भाजपा विरोध के प्रति अनभिज्ञ

By: Jan 2nd, 2022 6:07 pm

चंडीगढ़- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में होने वाली रैली का विरोध करने को लेकर किसान संगठनों के बीच मतभेद उभरने लगे हैं। किसान मजदूर संघर्ष समिति ने जहां श्री मोदी की फिरोजपुर रैली का विरोध करने का ऐलान किया है वहीं भारतीय किसान यूनियन एकता(उगराहां) ने इससे इनकार किया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) नेताओं ने प्रस्तावित रैली का किसी संगठन द्वारा विरोध करने के ऐलान के प्रति अनभिज्ञता प्रकट की। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा से जब समिति के श्री मोदी की रैली का विरोध करने सम्बंधी ऐलान को लेकर पूछा गया तो उन्होंने यूनीवार्ता को बताया कि विरोध करने का अब विषय ही नहीं रहा है। किसानों की मांगें मानी जा चुकी हैं। वह रैली की तैयारियों को लेकर राज्य में सभी जगह जा रहे हैं। उन्हें कहीं से किसी विरोध की बात नजर नहीं आती है। रैली को लेकर लोग उत्साहित हैं। किन लोगों ने यह विरोध करने का ऐलान किया है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है लेकिन पता लगाएंगे। वैसे विरोध करने का अब कोई विषय ही नहीं रह गया है।

यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि वह प्रधानमंत्री की रैली में कोई खलल नहीं डालेंगे अलबत्ता उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून रद्द करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की अन्य सभी मांगों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। सरकार ने लखीमपुर खीरी घटना को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने, उत्तर प्रदेश के किसानों पर दर्ज हत्या के मामले वापिस लेने, दिल्ली और हरियाणा में किसानों पर दर्ज मामले रद्द करने की दिशा में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) के मुद्दे पर भी सक्रिय नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर उनकी यूनियन सोमवार को राज्य के गांवों में अर्थी दहन कर रोष प्रदर्शन करेगी। पांच जनवरी को जिला मुख्यालयों अथवा तहसील स्तर पर केंद्र सरकार के पुतले दहन किये जाएंगे।

श्री उगराहां के अनुसार राज्य के किसानों की मांगाें को लेकर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ दो जनवरी के बजाय अब सात जनवरी को बैठक होगी। जिसमें किसानों की कर्ज माफी, नशे पर अंकुश लगाने, नौजवानों को रोजगार देने समेत कांग्रेस सरकार के किए सभी वादों को पूरा करने का मामला उठाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका संगठन न तो राजनीति में भाग लेगा और न ही किसी का समर्थन करेगा।

वहीं किसान मजदूर संघर्ष समिति कमेटी के सतनाम सिंह पन्नू और महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने एक बयान जारी कर कहा है कि किसान फिरोजपुर में प्रधानमंत्री की रैली नहीं होने देंगे। कमेटी की प्रदेश स्तरीय बैठक में रैली का विरोध करने का फैसला लिया गया है। प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानून तो रद्द कर दिए हैं लेकिन एमएसपी गारंटी कानून बनाने, प्रदूषण अधिनियम में सुधार, बिजली संशोधन-2020 को रद्द करने, आंदोलन के दौरान मौत को प्राप्त किसानों के परिवारों को एक-एक करोड़ रूपये मुआवजा और इनके परिवारों को सरकारी नौकरी तथा गिरफ्तार किसानों को रिहा करने समेत अन्य मांगें अभी बाकी हैं। इन पर कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई की है। श्री मोदी शेष मांगों को भी स्वीकार कर लें इसके बाद वह फिरोजपुर में रैली करें, उन्हें कोई एतराज नहीं है। उन्होंने बताया कि समिति ने पंजाबभर के किसानों को प्रधानमंत्री की रैली का विरोध करने के लिए फिरोजपुर पहुंचने की अपील की है।

समिति के नेताओं ने साफ किया कि किसानों ने अपना आंदोलन वापिस नहीं लिया है बल्कि इसे स्थगित किया है। श्री मोदी राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए फिरोजपुर से चुनाव प्रचार शुरू कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार की किसानों की शेष मांगों के प्रति उदासीनता के चलते किसानों ने उनकी रैली नहीं होने देने का फैसला लिया है। समिति ने ने फिरोजपुर, मोगा, फाजिल्का, तरनतारन, कपूरथला, जालंधर, मुक्तसर, फरीदकोट समेत राज्यभर से किसानों को पांच जनवरी को फिरोजपुर पहुंचने की अपील की है। उन्होंने कहा कि समिति ने प्रधानमंत्री की रैली का विरोध करने की पहले से घाेषणा कर दी है ऐसे में राज्य में कानून व्यवस्था न बिगड़े इसलिये राज्य सरकार को इस रैली को रद्द कर देना चाहिये। इन्होंने राज्य की चन्नी सरकार को भी चेतावनी दी कि उसने अगर चार जनवरी तक किसानों और मजदूरों की मानी गईं मांगें लागू नहीं की तो आठ जनवरी को राज्यभर के सभी मंत्रियों और विधायकों के आवास के बाहर रोष प्रदर्शन किये जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि राज्य में विधानसभा चुनाव अब सिर पर हैं और श्री मोदी इसके लिये भारतीय जनता पार्टी(भाजपा), कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब लोक कांग्रेस और टकसाली नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) गठबंधन के लिये फिरोजपुर से रैली कर चुनाव प्रचार शुरू करने जा रहे हैं जिसके लिये भाजपा और उसके गठबंधन दल व्याप्त तैयारियां कर रहे हैं और रैली को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हुए हैं।


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