सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : पिता की संपत्ति पर बेटी का ज्यादा हक

By: Jan 22nd, 2022 12:07 am

दिव्य हिमाचल ब्यूरो—नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने पिता की अपनी कमाई संपत्तियों में बेटियों के अधिकार को लेकर एक बड़ा फैसला दिया। देश की शीर्ष अदालत ने हिंदू परिवार की बेटियों को उस स्थिति में अपने भाइयों या किसी अन्य परिजन के मुकाबले पिता की संपत्ति में ज्यादा हकदार बताया, जब पिता ने कोई वसीयतनामा नहीं बनाया हो और उनकी मृत्यु हो जाए। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मद्रास हाई कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ दायर अपील पर आया है, जो हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत हिंदू महिलाओं और विधवाओं को संपत्ति अधिकारों से संबंधित था।

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि बिना वसीयत के मृत हिंदू पुरुष की बेटियां पिता की स्व-अर्जित और अन्य संपत्ति पाने की हकदार होंगी और उन्हें परिवार के अन्य सदस्यों की अपेक्षा वरीयता होगी। न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि हिंदू पुरुष ने वसीयत नहीं बनाई हो और उसकी मृत्यु हो जाए तो उसे विरासत में प्राप्त संपत्ति और खुद की अर्जित संपत्ति, दोनों में उसके बेटों और बेटियों को बराबर का हक होगा। सबसे बड़ी बात है कि नया फैसला बैक डेट से लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि उसका यह आदेश उन बेटियों के लिए भी लागू होगा जिनके पिता की मृत्यु 1956 से पहले हो गई है।


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