गेहूं में पीला रतुआ का रखें ध्यान

By: Jan 22nd, 2022 12:45 am

कृषि विवि के वैज्ञानिकों ने किसानों को दी सलाह, बीमारी के लक्षण नजर आते ही उठाएं जरूरी कदम

कार्यालय संवाददाता-पालमपुर
गेहूं की फसल में पीला रतुआ बीमारी आने के प्रति भी सचेत रहें। इस रोग में गेहूं के पत्तों पर पीले रंग के छोटे-छोटे दाने सीधी घारियों में प्रकट होते है व दूसरी ओर पत्तों में धारीदार पीलापन दिखाई देता है। बीमारी के जल्दी प्रकट हाने पर पौधे बौने रह जाते हैं व पैदावार पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। यदि मौसम ठंडा व नम रहे व थोड़ी वर्षा भी हो जाए, तो यह रोग महामारी का रूप धारण कर सकता है। गेहूं के दाने या तो बनते ही नहीं है या छोटे व झुर्रीदार हो जाते हैं, जहां पर किसानों ने रोग प्रतिरोधी किस्में नहीं बीजी है, उन क्षेत्रों के किसानों को कृषि विवि के वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि ऊपर बताए गए लक्षणों को देखते ही गेहूं की फसल में टिलट (प्रापिकोनाजोल) 25 ईसी या फोलीकर (टैदुकोनाजोल) 25 ईसी या बेलाटॉन 25 डब्ल्यूपी का 0.1 प्रतिशत घोल (यानि 30 मिली दवाई 30 लीटर पानी में घोलकर) प्रति कनाल की दर से छिड़काव करें व 15 दिन बाद फिर दोहराएं।

सरसों वर्गीय तिलहनी फसलों में तेले (एफिड) के अत्यधिक प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए डाईमिथोएट 30 ईसी (रोगर) या साईपरमिथरिन 10 ईसी (मात्रा 1 मिली कीटनाशक प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें। छिड़काव के लिए एक बीघा क्षेत्रा में कम से कम 60 लीटर घोल का प्रयोग करें तथा छिड़काव सुबह के समय न करें ताकि मधुमक्खी आदि लाभदायक कीटों को क्षति न हो। तेले से ग्रस्त पत्तियाँ अथवा तनों को नष्ट करने से भी तेले पर नियन्त्रण पाया जा सकता है। ध्यान रखें कि छिड़काव के बाद कम से कम एक सप्ताह तक साग के लिए सरसों की पत्तियां न तोड़ें।

चने में फली छेदक सुंडी पर रखें नजर
प्रदेश के निचले क्षेत्रों में किसान चने की फसल में फली छेदक सुंडी के प्रकोप के प्रति सावधान रहें तथा हरे रंग की सुंडियां फसल पर प्रकट होते ही साइपरमिथरिन 30 मिली प्रति 30 लीटर पानी प्रति कनाल का प्रयोग करें तथा चने की के लिए योन गंध के ट्रैप लगाएं। आलू की फसल में भूमि में पाई जाने वाली सुंडियों, कटुआ कीट व लाल चींटी इत्यादि की रोकथाम के लिए आलू की बिजाई से पहले खेत में क्वीनलफॉस 5 जी (25 किग्रा प्रति हेक्टेयर) या 2.0 लीटर क्लोरपाइरीफॉस 25 किग्रा रेत में मिलाकर प्रति हेक्टेयर क्षेत्र के हिसाब से खेत में मिलाएं।


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