पंजाब की एक्साइज पालिसी हिमाचल में क्यों

विधायक नरेंद्र ने सियासी हमले का दिया कड़ा जवाब; समाजसेवा करने वाले कभी बखान नहीं करते
जहरीली शराब से प्रदेश में हुई सात मौते
छापामारी के दौरान पकड़ी गई अवैध फैक्ट्ररी के बाद प्रदेश में गरमाया सियासी माहौल
दिव्य हिमाचल ब्यूरो-हमीरपुर
जहरीली शराब से प्रदेश में हुई सात मौतों और छापामारी के दौरान पकड़ी गई अवैध फैक्ट्ररी और बरामद शराब के बाद प्रदेश में सियासी माहौल गरमाया हुआ है। हमीरपुर सदर के विधायक नरेंद्र ठाकुर ने एक दिन पूर्व कांग्रेस नेता द्वारा उन पर किए सियासी हमले का कड़ा जवाब दिया है। नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि यह आवश्यक नहीं कि पंजाब द्वारा बनाई गई आबकारी नीति का हिमाचल प्रदेश भी अनुसरण करे। यह प्रदेश सरकार का आंतरिक मामला होता है और सरकार प्रदेश के हित में ही सभी नीतियां बनाती है। इससे पहले की सरकारों ने भी आबकारी नीतियों में बदलाव किए और कई बार कारपोरेशनों को भी शराब आबंंटित करने के अधिकार दिए गए। भाजपा की मौजूदा सरकार ने भी प्रतिवर्ष एक्साइज ड्यूटी में 15 से 20 प्रतिशत इजाफा करने के बाद ही शराब आबंटन के लाइसेंस बांटे, परंतु आबकारी नीति के संशोधन का ये मतलब नहीं होता कि कोई नकली और जहरीली शराब की तस्करी करना शुरू कर दे। विधायक ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में पकड़े गए मुख्य सरगनाओं के तार कांग्रेस से जुड़े हुए पाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जहां पर यह अवैध शराब की फैक्ट्ररी पकड़ी गई है वह जगह सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। जब तक वह सुजानपुर के विधायक थे तब तक इस प्रकार की कोई भी गैरकानूनी शराब बनाने वाली यूनिट उनके विधानसभा क्षेत्र में नहीं थी। उन्होंने कहा कि यदि यदि यह काम यहां बहुत पहले से हो रहा था तब तो यह पुलिस, एक्साइज और खुफिया एजेंसियों का फेलियर है, लेकिन यदि अभी शुरू हुआ था, तो इसे सरकार का फेलियर नहीं कहा जा सकता। एक सवाल के जवाब में नरेंद्र ठाकुर ने कहा की जो सच्चा समाजसेवी होता है वह कभी समाजसेवा का बखान नहीं करता। अपनी समाजसेवा का बखान करने वाले अपनी राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा के कारण ही ऐसा करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश के सभी 68 विधायकों ने अपने वेतन छोड़कर सरकारी खजाने में योगदान दिया ताकि महामारी से लडऩे में सरकार की मदद हो सके। उन्होंने कहा कि आज जितने भी समाजसेवी मेरे बयानों से परेशान हो रहे हैं वह किसी ना किसी प्रकार से शराब माफिया और खनन माफिया से जुड़े हैं, या फिर विकास कार्यों में अड़ंगा अड़ाने में संलिप्त हैं। नादौन चौक में फुटपाथ का काम नहीं होने दिया जा रहा।