डीजीसीए की शर्तों में फंसा शिमला हेलिपोर्ट

By: Apr 25th, 2022 12:23 am

12 करोड़ के हेलिपोर्ट का 12 जनवरी को मुख्यमंत्री ने किया था शुभारंभ; एलीवेटिड हेलिपोर्ट पर अब कई संशय, चार अधिकारी नियुक्त करने के आदेश

दिव्य हिमाचल ब्यूरो शिमला
राजधानी शिमला में 12.13 करोड़ की लागत से बना आधुनिक हेलिपोर्ट शुरू नहीं हो पाया है। डायरेक्टोरेट जनरल आफ सिविल एविएशन यानी डीजीसीए ने इसके शुरू करने पर नई शर्तें लगा दी हैं। डीजीसीए ने राज्य के पर्यटन विभाग को चार प्रकार के सुरक्षा एवं तकनीकी अधिकारी स्थायी तौर पर हेलिपोर्ट में नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। इस तरह की टेक्निकल क्वालीफिकेशन के अधिकारी टूरिज्म विभाग में नहीं थे, इसलिए पर्यटन विभाग को अब पवन हंस लिमिटेड से इन पदों को भरने का आग्रह करना पड़ा है। पवनहंस आउटसोर्स या एग्रीमेंट के आधार पर ये अधिकारी उपलब्ध करवाएगा।पर्यटन विभाग  को इसका भुगतान करना होगा। इसके बाद ही डीजीसीए के अधिकारी इस हेलिपोर्ट की इंस्पेक्शन के लिए आएंगे और फिर इसके शुरू करने पर क्लीयरेंस देंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 12 जनवरी को इसका शुभारंभ किया था। दरअसल राज्य में अभी तक 5 स्थानों पर नए हेलिपोर्ट बन चुके हैं और ये सभी उड़ान स्कीम के तहत बन रहे हैं। शिमला हेलीपोर्ट के लिए भी स्वदेश दर्शन प्रोग्राम के हिमालयन सर्किट और उड़ान स्कीम से पैसे दिए गए हैं। इसलिए कुल 12 करोड़ 13 लाख की लागत से इसे बनाया गया था। हिमाचल में बने हेलिपोर्ट में यह एकमात्र हेलिपोर्ट ऐसा है जो एलिवेटेड है। यानी ढली बाईपास पर पहाड़ी के एक हिस्से को कंकरीट से भरकर उसके ऊपर कई मंजिलें बनाकर यह हेलीपोर्ट बनाया गया है। इसलिए डीजीसीए इसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। हालांकि हेलिपोर्ट को बनाती बाहर कंसल्टेंसी पवन हंस लिमिटेड की ही थी, जो उड़ान टू के तहत हेलीकॉप्टर भी उड़ा रहा है, लेकिन इसके बनने के बाद अब डीजीसीए ने कुछ आपत्तियां व्यक्त की हैं। इसीलिए इनके हल के लिए उन्होंने 4 तरह के सुरक्षा एवं तकनीकी अधिकारी इस हेलीपोर्ट में नियुक्त करने को कहा था।

अब जब तक यह नियुक्ति नहीं हो जाती, डीजीसीए की टीम इसकी इंस्पेक्शन के लिए नहीं आएगी और यहां हेलिकाप्टर को उतरने के लिए परमिशन नहीं मिलेगी। वर्तमान में उड़ानों के तहत चल रही हेलिकाप्टर सेवाओं के लिए लैंडिंग जो जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर रखी गई है। जहां शिमला से पहुंचने में एक घंटा लग जाता है। दिल्ली बाइपास पर बने इसने हेलीपोर्ट में यदि लैंडिंग और हवाई उड़ानों की टेकऑफ की व्यवस्था शुरू हो जाए तो इससे पर्यटकों और वीआईपी मूवमेंट का भी समय बचेगा।

पवन हंस से लेंगे तकनीकी एवं सुरक्षा अधिकारी
पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने बताया कि ढली एयरपोर्ट को शुरू करने के लिए पर्यटन विभाग हरसंभव कोशिश कर रहा है। अब डीजीसीए के निर्देश पर पवन हंस लिमिटेड से ही तकनीकी एवं सुरक्षा अधिकारियों को लिया जा रहा है। इनकी तैनाती इस हेलिपोर्ट पर होगी। हम उम्मीद कर रहे हैं कि इसके बाद इसे चलाने की अनुमति मिल जाएगी और फिर सीएम का हेलिकाप्टर भी यहीं से उड़ेगा।


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