पहले की अपेक्षा पानी का संकट आज कम

वर्षा जल संग्रहण टैंक कांग्रेस पांच वर्ष में मात्र तीस ही बना सकी थी, जबकि भाजपा ने चार वर्षों में सत्तर टैंक बनाए। चेक डैम कांग्रेस सतानवे के मुकाबले एक सौ तेतीस बनाए गए। कांगड़ा जिले की बंद पड़ी 78 प्रतिशत कूहलें इस दौरान शुरू करवा दी गईं। पालमपुर क्षेत्र में कस्बा जुगेहड कोठी पहाड़ा तक, कुसमल कूहल नियाड़ तक, जिया से लम्बा पट की कूहलें इन्हीं चार वर्षों में फिर से चल पड़ी हैं। कांग्रेस समय की जंग लगी व्यवस्था को भाजपा की सरकार ने अपने श्रम, पसीने और जनता के प्रति समर्पण से चुस्त-दुरुस्त किया है। आज महिलाएं खुश हैं, किसान खुश हैं। महिलाओं का पानी को ढोने में जो समय बर्बाद होता था, वो अब अपने बच्चों की पढ़ाई में निवेश कर रही हैं। एक अध्ययन के मुताबिक जल संकट के निवारण के बाद पारिवारिक झगड़ों में भी गिरावट देखी गई है। लेकिन जयराम ठाकुर नीत भाजपा सरकार यहीं नहीं रुकी। अब सरकार ने पानी के बिल माफ कर दिए हैं…

मई महीने की तपती दोपहरी में अचानक ही पांच वर्ष पहले के समाचार पत्र हाथ लग गए। सारे समाचारों में पानी के लिए हाहाकार की खबरें भरी पड़ी थीं। टैंकर माफिया के बारे में अखबारें सबूत सहित समाचार छाप रही थीं। जल संकट गहराने से पशु भी त्रस्त हैं, ऐसी खबरें सुर्खियां बटोर रही थीं। लेकिन आज समाचार पत्र में विरले ही ऐसे समाचार मिल रहे हैं। प्रदेश में जल जीवन मिशन में हुए अभूतपूर्व काम से प्रदेश सरकार ने जहां आज टैंकर माफिया का अंत कर दिया है, वहीं ‘हर घर नल, हर घर जल’ पहुंचाने का बड़ा एवं महत्वपूर्ण काम पिछले चार वर्षों में किया है। इसका श्रेय सीधे-सीधे निःसंकोच भारतीय जनता पार्टी की केंद्र व प्रदेश सरकार को जाता है। हिमाचल में 1977 से पहले पानी लाने के लिए संघर्ष किसी भी पीढ़ी से छुपा नहीं है। सिर पर घड़े रख कर मीलों चलना, तीन से चार घंटे की मशक्कत के बाद भी पानी पर्याप्त न होना, उस समय की पीढ़ी ने अपनी नियति ही समझ लिया था। लेकिन शांता कुमार जी के मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने लोक निर्माण विभाग से सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को पृथक कर उसे सिंचाई व पेयजल के वितरण की जिम्मेदारी दी। शांता कुमार का छोटा सा कार्यकाल प्रदेश की महिलाओं को वरदान सिद्ध हुआ। महिलाओं के सिर से घड़ा उतारने का बड़ा काम उस समय संभव हुआ। शांता कुमार को तभी पानी वाले मुख्यमंत्री के नाम से जाना जाने लगा। भाजपा की फिर सरकार 1990 में बनी। तब शांता कुमार ने हैंडपंप लगाने की योजना पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से शुरू की जो अपने आप में गेम चेंजर थी। प्रो. प्रेम कुमार धूमल जी की सरकार ने भी पानी को चंगर क्षेत्र के दूरस्थ गांव में पहुंचा दिया, लेकिन अभी भी बहुत प्रयास बाकी थे।

 हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार ने जल जीवन मिशन में पूरे देश में नंबर एक स्थान पाया। वहीं सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग अब जल शक्ति विभाग के नाम से जाने जाना लगा। वास्तव में जल शक्ति को हिमाचल की वर्तमान जयराम सरकार ने ही शक्ति के रूप में पहचाना। पिछले मात्र अढाई वर्षों में हिमाचल में आठ लाख पैंतीस हज़ार नए कनेक्शन लगाए गए हैं। ज्ञात रहे कि इससे पहले प्रदेश में मात्र सात लाख तरेसठ हज़ार ही कनेक्शन थे। अढाई वर्षों में दोगने से भी अधिक घरों में पानी के कनेक्शन पहुंचाना बहुत ही बड़ी उपलब्धि है। इस काम में एक हज़ार आठ सौ चौदह करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। शिमला जल संकट को किस प्रकार से मिशन मोड़ में 2019 में जयराम सरकार ने सुलझाया था, उसकी याद जनता को आज भी है। रातों-रात 47 किलोमीटर की लंबी पाइप लाइन बिछा कर शिमला में लोगों के गले तर करने का पुण्य काम जयराम सरकार ने ही किया था। कांग्रेस के पांच वर्षों (2013 से 2017 तक) के कामों का मुकाबला वर्तमान सरकार के चार वर्षों (2018 से मार्च 2022 तक) करें तो कांग्रेस ने जहां तीन हजार नौ सौ अठाईस टैंक बनाए, वहीं भाजपा ने चार हज़ार नौ सौ उनतीस टैंक बनाए। सिंचाई टैंक कांग्रेस ने 286 तो भाजपा ने नौ सौ उनतीस बनाए। घरेलू नल कनेक्शन दो लाख उन्हतर हजार आठ सौ सिंतालिस के मुकाबले आठ लाख पैंतीस हज़ार आठ सौ इकहतर कनेक्शन भाजपा की जयराम ठाकुर सरकार ने देकर कांग्रेस को आईना दिखाया है। वर्षा जल संग्रहण टैंक कांग्रेस पांच वर्ष में मात्र तीस ही बना सकी थी, जबकि भाजपा ने चार वर्षों में सत्तर टैंक बनाए।

 चेक डैम कांग्रेस सतानवे के मुकाबले एक सौ तेतीस बनाए गए। कांगड़ा जिले की बंद पड़ी 78 प्रतिशत कूहलें इस दौरान शुरू करवा दी गईं। पालमपुर क्षेत्र में कस्बा जुगेहड कोठी पहाड़ा तक, कुसमल कूहल नियाड़ तक, जिया से लम्बा पट की कूहलें इन्हीं चार वर्षों में फिर से चल पड़ी हैं। कांग्रेस समय की जंग लगी व्यवस्था को भाजपा की सरकार ने अपने श्रम, पसीने और जनता के प्रति समर्पण से चुस्त-दुरुस्त किया है। आज महिलाएं खुश हैं, किसान खुश हैं। महिलाओं का पानी को ढोने में जो समय बर्बाद होता था, वो अब अपने बच्चों की पढ़ाई में निवेश कर रही हैं। एक अध्ययन के मुताबिक जल संकट के निवारण के बाद पारिवारिक झगड़ों में भी गिरावट देखी गई है। लेकिन जयराम ठाकुर नीत भाजपा सरकार यहीं नहीं रुकी। अब ग्रामीण क्षेत्रों में नल व जल उपलब्ध करवाने के बाद सरकार ने पानी के बिल माफ कर दिए हैं। हर पंचायत में शुद्ध जल की गुणवत्ता जांचने को कमेटी बनाई गई है और उन्हें गुणवत्ता किट भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं। हिमाचल की जनता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व जयराम सच में विशेष हैं। दोनों ने पहाड़ के पानी को पहाड़ की जवानी के लिए समर्पित कर दिया है। ‘हर घर नल, हर घर जल’ के तहत जो नए आवेदन आ रहे हैं, उनका निपटारा भी जल्द करने के प्रयास जारी हैं। लोगों को पानी के कनेक्शन लेने में किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े, इसका पूरा-पूरा ख्याल रखा जा रहा है। जनमंच के माध्यम से भी ऐसे मामले निपटाए जा रहे हैं। प्रदेश की जयराम सरकार जनकल्याण के लिए कटिबद्ध है।

त्रिलोक कपूर

वरिष्ठ भाजपा नेता


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