पानी के स्रोत सूखे, शहर में मचा हाहाकार

By: Jun 15th, 2022 12:16 am

2018 जैसे हालत की ओर बढने लगा शिमला का जलसंकट, चाबा वाली योजना और चुरट में बिजली संकट ने बढ़ाई परेशानी

संतोष कुमार-शिमला
शिमला शहर में जलसंकट न केवल लोगों की परेशानी बना हुआ है, अपितु टूरिस्ट सीजन में शिमला पहुंच रहे सैलानियों के लिए भी आफत बना हुआ है। आलम यह है कि शिमला शहर एक बार फिर साल 2018 में आए जलसंकट की त्रासदी की ओर पहुंचने वाला है। यदि समय पर मानसून नहीं आया और बारिश नहीं हुई तो दिन प्रतिदिन छाने वाले जलसंकट से लोगों में त्राहि-त्राहि मच जाएगीै। पहले तीन दिनों में तो पानी मिल जाता था, लेकिन अब चार से पांच दिनों में शहर के लोगों को एसजेपीएनएल से पानी मिल रहा है। शहर में 50 एमएलडी पानी की आवश्यकता है और एसजेपीएनएल के पास 45 से 48 एमएलडी पानी आ रहा था, लेकिन आज पानी की यही दर 35 एमएलडी पर पहुंच गई है, जिससे शहर में पेयजल संकट गहरा गया है और पानी की राशनिंग के साथ टैंकरों से जलापूर्ति करने को बाध्य होना पड़ गया है। पेयजल आपूर्ति में सबसे अधिक समस्या जहां जलस्तर गिरना प्रमुख रूप से है, वहीं दूसरी ओर पंपिंग भी कम हो रही है, वहीं बिजली संकट आने से यह समस्या विकराल हो गई है।

शिमला शहर को एसजेपीएनएल द्वारा अपनी छह योजनाओं गुम्मा, गिरी, चुरट, सियोग, चैरथ और कोटी ब्रांडी के माध्यम से जलापूर्ति की जाती है, जहां से 45 से 48 एमएलडी पानी शहर को आता है, लेकिन दोनों सबसे बड़ी पेयजल योजनाओं गुम्मा व गिरि में जलस्तर कम होने के कारण यहां 10 से 12 एमएलडी पानी कम आ रहा है। 18 एमएलडी की क्षमता वाली गिरी परियोजना से अब शहर को 10 से 12 एमएलडी पानी ही मिल रहा है। गुम्मा से भी 24 की जगह 18 तो कोटी बरांडी से पांच की जगह औसतन एक एमएलडी पानी मिल रहा है। बीते एक हफ्ते से जलस्तर लगातार घट रहा है। पंचायती क्षेत्रों में सप्लाई छठे और सातवें दिन मिल रही है।

वीआईपी इलाकों-ऑफिसों में टैंकरों से पानी
वीआईपी इलाकों सहित विभागीय कार्यालयों और अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों में एसजेपीएनएल अपने पांच टैंकरों की मदद से जलापूर्ति कर रहा है। प्रतिदिन 45 से 55 टैंकरों के माध्यम से शहर के प्रभावित इलाकों में जलापूर्ति की जा रही है। 10 जून को 55, 11 जून को 45, 12 जून को 45 और 13 जून को करीब 50 टैंकरों के माध्यम से वीआईपी क्षेत्रों के अलावा विभागीय कार्यालयों और प्रभावित इलाकों में जलापूर्ति मुहैया करवाई गई है।
हर जगह पानी का शेडयूल एक ही
एसजेपीएनएल के मुताबिक शहर में की जाने वाली जलापूर्ति का शेड्यूल एक समान है। चाहे वीआईपी क्षेत्र हो या फिर सामान्य इलाका, यदि पानी की राशनिंग होगी तो सभी जगहों पर होगी और यदि पानी आएगा तो सभी इलाकों में पानी आएगा। एसजेपीएनएल द्वारा शहर के सात जोनों न्यू शिमला, छोटा शिमला, संजौली, लक्कड़ बाजार, चौड़ा मैदान, सेंट्रल जोन और छराबड़ा जोन में जलापूर्ति की जाती है।
धरातल पर नहीं उतरी बल्क वॉटर योजना
शहर में लोगों को पेयजल संकट से उबारने के लिए एसजेपीएनएल द्वारा दो योजनाएं तैयार की हुई है, लेकिन अभी यह योजनाएं धरातल पर नहीं उतरी है। सतलुज नदी पर 331 करोड़ की बल्क वाटर सप्लाई योजना को तैयार किया गया है, जहां से करीब 67 एमएलडी पानी की आपूर्ति होनी है, जिससे शहर में पानी की कोई समस्या नहीं रहनी है। इसका अभी काम चला हुआ है। इसके अलावा वल्र्ड बैंक से 24&7 बाइ 365 योजना पर भी काम चल रहा है और इसका 600 करोड़ का प्रोजेक्ट दोबारा से वल्र्ड बैंक को भेजा गया है। इस योजना से शहर का पेयजल नेटवर्क रिफैबरिश होना है और हर घर में 24 घंटे पानी आना है, लेकिन अभी इस योजना को धरातल पर उतरने में बहुत वक्त लग जाएगा।
मेयर के वार्ड में एक दिन छोड़ आ रहा पानी
नगर निगम की मेयर सत्या कौंडल के वार्ड संजौली में एक दिन छोडक़र पानी आ रहा है। मेयर सत्या कौंडल ने कहा कि शैडयूल के हिसाब से हर वार्ड में पानी दिया जा रहा है और संजौली वार्ड में तीसरे दिन पानी मिल रहा है।
शहर में सैलानियों की बहार
उत्तरी भारत में पड़ रही गर्मी से राहत पाने के लिए सैलानी शिमला पहुंचे है, लेकिन यहां आकर पर्यटकों को पानी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App