सूखी ठंड ने बढ़ाई बागबानों-किसानों की चिंताएं… पहाड़ों पर जमी बर्फ

By: Dec 19th, 2022 12:54 am

मौसम के बदले मिजाज और बारिश न होने से सेब के पौधों को हो रहा नुकसान
मोहिंद्र नेगी-रिकांगपिओ
नए साल या लोड़ी पर्व तक मौसम का मिजाज इसी तरह रहा तो यह कृषि व बागबानी के लिए अच्छा नहीं होगा। इस समय पूरे प्रदेश में बारिश न होने से किसान व बागबान बेहाल है। इस समय किसान अपने खेत खलियानों में कार्य नहीं कर पा रहे है। विशेष कर सेब बहुल क्षेत्रों में तो सर्दियों के दौरान यानी दिसंबर महीने में पौधों में तोलिए करने के साथ-साथ खाद डालने का कार्य युद्ध स्तर पर रहता है। लंबे समय से चल रहे सूखे के कारण अधिकांश बागबान इन कार्यों तक को नहीं कर पा रहे है। यदि हम सेब बहुल जिला किन्नौर की बात करे तो यहां पर सर्दिया शुरू होने के शुरुआती दिनों में निचले क्षेत्रों में थोड़ी बहुत बारिश होने के साथ ऊंचाई वाले इलाको में थोड़ी बहुत बर्फबारी देखी गई, लेकिन उस के बाद सूखा इस कदर की मानो इंद्रदेव को भी ग्रहण ने जकड़ दिया हो।

इस समय खेतों में जितनी नमी देखी जा रही है उस नामी को उत्तम बागबानी के लिए पर्याप्त नहीं माना जा जा रहा हैं। बता दें कि किन्नौर जिला के अधिकांश क्षेत्र में कृषि व बागबानी फ्लड इरिगेशन सिंचाई के माध्यम से की जाती है लेकिन इन दिनों पहाड़ों में तापमान माइनस डिग्री में होने के कारण पहाड़ों में ही पानी के जम जाने से पानी पर्याप्त मात्रा में आबादी वाले क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पा रहा है। नतीजन जिला के अधिकांश किसान व बागबान पौधों में सिंचाई तक नहीं कर पा रहे है। इन दिनों किन्नौर जिला में भी मौसम का मिजाज प्रदेश के अन्य क्षेत्रों की भांति उत्तम बागबानी के लिए अनुकूल न होने से जिला के किसान व बागबानों की चिंताएं बढ़ गई है। इस समय जिला किन्नौर में तो बारिश व बर्फबारी न होने से कई क्षेत्रों में आग जनी की भी घटनाएं देखी जा रही है। हाल ही के दिनों में किन्नौर जिला के यूला, उरनी, चंगाव आदि कई क्षेत्रों में लगी आग से भारी वन संपदा को नुकसान हुआ है। (एचडीएम)


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