संसद में उठाया उदयपुर-पदुम सडक़ का मामला

By: Dec 22nd, 2022 12:55 am

लद्दाख से संसद सदस्य जम्यांग छेरिंग नामग्याल ने सडक़ निर्माण को उठाई मांग

अशोक राणा-केलांग
लद्दाख से संसद सदस्य जम्यांग छेरिंग नामग्याल ने उत्तरी क्षेत्र में भारतीय सीमा के रणनीतिक पहलू को मजबूत करने के लिए पादर-उदयपुर-पदुम उदयपुर-पदुम सडक़ निर्माण की मांग को संसद में उठाया। लोकसभा के व्यापारिक नियम 377 के तहत अपनी मांगों को उठाते हुए लद्दाख के सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल ने जोर देकर कहा कि चूंकि भारत को 1948, 1962, 1965, 1971, 1999 और 2020 के गलवान संघर्ष के युद्ध के अनुभव हैं। सीमा को मुख्यधारा की भूमि से जोडऩे के लिए वैकल्पिक मार्गों की निर्माण की बेहद जरूरत है। कहा कि शिंकुन ला और जोजिला में सुरंग सहित निमो-पदुम-दारचा रोड पर सराहनीय कार्यों के बावजूद हमारी सीमा को अच्छी तरह से सुरक्षित रखने के लिए बेहतरए छोटी और आर्थिक रूप से अधिक व्यवहार्य सडक़ों और सुरंगों पर प्राथमिकता से ध्यान देने की आवश्यकता है।

संसद के चल रहे सत्र के दौरानए सांसद जम्यांग ने राष्ट्रीय हित को देखते हुए लद्दाख को मुख्यधारा के ग्रामीण इलाकों से जोडऩे के लिए तीन प्रमुख सडक़ों के निर्माण की मांग उठाई। लद्दाख को जम्मू से जोडऩे के लिए 45 किमी पाडर-पदुम रोड किश्तवाड़-अथोली-मैचिल-सुमचन-जोंगखुलश 80 किमी सडक़ किश्तवाड़-अथोली-मैचिल-डंगैल-पोटला-बरदान का निर्माण। यह उत्तरी कमान और पठानकोट एयरफोर्स मिलिट्री स्टेशन के बीच लद्दाख के लिए सबसे छोटा रास्ता होगा क्योंकि इससे दूरी लगभग 150 किमी कम हो जाएगी। 1830 के दशक में लद्दाख और पूर्वी तिब्बत पर अपनी विजय के दौरान महान डोगरा जनरल ज़ोरावर सिंह ने भी इस मार्ग का सबसे छोटा मार्ग अपनाया था। लाहुल की मायर्ड घाटी से लाहुल के अंतिम गांव खंजर-जरदोंग-केसर-कांगला-पदुम या शिंकुनला जांस्कर के पास खंजर-शंगखा-थांगसो-काग्र्याक से उदयपुर-पदुम सडक़ का निर्माण को राष्ट्र हित में ेबताया। उन्होंने कहा कि ये सडक़ें जम्मू-कश्मीर की पाडर और चिनाब घाटियों और मयाड़. उदयपुर क्षेत्रो को आपस में जोडऩे में मददगार साबित होगी। वहीं सीमा को सुरक्षित करने के साथ-साथ अर्थिक और पर्यटन के लिहाज से महत्त्वपूर्ण होगी। (एचडीएम)

जंगल में अकेले न जाएं, सावधानी बरतें
कुल्लू। कुल्लू के थरास गांव के सभी लोगों को सूचित किया जाता है कि वाथला में बुधवार को तेंदुए का बच्चा टैंक में फंस गया था। अब उसे सही सुरक्षित निकाल भी दिया गया । जब ये टैंक से निकल कर जंगल की तरफ भागा तो इसकी मां और एक बच्चा और भी देखा गया है। अत: आप सभी से निवेदन है कि जंगलों की ओर अकेले न जाएं । आपके लिए नुकसान दायक भी हो सकता है। यह बात यह स्थानीय गांव के लोगों से मिली। इस तरह की घटना पेश आने के बाद लोगों को अकेले न चलने की सलाह दी गई है।


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