गर्दन में दर्द के कारण

By: Jan 28th, 2023 12:15 am

कम्प्यूटर या लैपटाप पर बैठकर काम करना हो या फाइल वर्क करना हो, कोई भी आफिस वर्क हो या लिखाई-पढ़ाई का काम अधिकांश कामों में गर्दन झुकाकर काम करने की जरूरत पड़ती है। लेकिन कई बार अत्यधिक तनाव और अनावश्यक प्रेशर के कारण गर्दन में दर्द या उससे संबंधित समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं, जो काफी तकलीफदेह साबित हो सकती हैं। यदि आप इन तकलीफों का सामना करना नहीं चाहते, तो नीचे बताएं जा रहे कुछ आसनों को जरूर अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

नेक बेंडिंग एंड रोटेशन-
कमर सीधी करके रखें तथा कंधों को स्थिर रखें। अपनी गर्दन को धीरे-धीरे श्वास लेते हुए ऊपर और पीछे की तरफ ले जाएं। 10 सेकंड इसी स्थिति में रुकें। फिर श्वास छोड़ते हुए नीचे की तरफ जितना ले जा सकते हो, ले जाएं। इस तरह 5-5 बार इस अभ्यास को करें। उसके बाद श्वास छोड़ते हुए गर्दन को बायीं तरफ बेंड करते हुए अपने कान को गर्दन से टच करने की कोशिश करें। इसी तरह से दायीं तरफ बेंड करें। इस अभ्यास को 5-5 बार करें। नेक रोटेशन में गर्दन को धीरे-धीरे बायीं से दायीं ओर ले जाते हुए यानी क्लॉक वाइस एक पूरा सर्किल बनाएं। तीन बार इस दिशा में दोहराते हुए फिर दायीं से बायीं ओर ले जाते हुए यानी एंटी क्लॉक वाइज सर्किल बनाएं। इस अभ्यास को 3-5 बार कर सकते हैं। इस अभ्यास में अपनी आंखें खुली रखें तो अच्छा रहेगा। इस अभ्यास से गर्दन की जकडऩ दूर होती है, साथ ही मांसपेशियां भी लचीली होती हैं।

मकरासन– पेट के बल लेट जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच में गैप रखते हुए अपनी एडिय़ों को दूर-दूर बाहर की ओर तथा पंजों को अंदर की ओर आरामदायक स्थिति में रखें। अपने हाथों को कोहनियों से मोडक़र जमीन पर रखते हुए हथेलियों को अपने गालों के नीचे रखें अर्थात अपने चेहरे को अपनी हथेलियों पर टिकाएं। अपनी कोहनियों को दूर-दूर रखें। इसका सीधा असर गर्दन पर पड़ता है। लंबी गहरी श्वास लेते रहें। इस आसन को करने से गर्दन का तनाव तथा जकडन दूर होती है।

इसका भी रखें खास ध्यान
आफिस वर्क या पढ़ाई के बीच-बीच में हल्का ब्रेक लें, जिसमें अपनी गर्दन को ऊपर-नीचे, दायीं-बायीं ओर घूमाना न भूलें। इससे गर्दन में पडऩे वाला तनाव दूर हो जाता है। सोकर उठते वक्त सीधा कभी न उठें, बल्कि पहले बायीं करवट पर आएं फिर धीरे से उठकर बैठें। इससे गर्दन पर कभी भी झटका नहीं आएगा। लैपटाप या कम्प्यूटर पर ज्यादा झुककर काम करने के बजाय कमर, गर्दन सीधी रखते हुए काम करें। बहुत सारे तकिये के बजाय पतले तकिये का प्रयोग करें और तकिये को सिर और कंधे के बीच वाली जगह तक लगाएं जिससे गर्दन पर अनावश्यक प्रेशर नहीं आने पाएगा। एक ही पोजीशन में सोने की बजाय करवटें बदलते रहें। हैवी एक्सरसाइज करने से बचें और हमेशा डाक्टर या ट्रेनर की सलाह से ही एक्सरसाइज करें।


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