खुले में कूड़ा फेंकना नगर पंचायत गगरेट की मजबूरी
कूड़ा संयंत्र की स्थापना के लिए भूमि स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी न होने से पेश आ रही दिक्कतें
अजय ठाकुर- गगरेट
नगर पंचायत गगरेट से निकलने वाले कचरे के वैज्ञानिक तरीके से शोधन के लिए कूड़ा संयंत्र की स्थापना के लिए भूमि स्थानांतरण की प्रक्रिया अभी भी पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में रोजाना क्विंटलों के हिसाब से निकलने वाला गगरेट कस्बे का कचरा खुले में फेंकना नगर पंचायत की मजबूरी हो गई है। हालांकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी नगर पंचायत को नोटिस जारी कर कचरे को खुले में फेंकने के लिए लताड़ लगा चुका है लेकिन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को पूरा करवाना नगर पंचायत प्रशासन के गले की फांस बना हुआ है। कूड़ा संयंत्र की स्थापना के लिए हालांकि नगर पंचायत ने ग्राम पंचायत गगरेट अप्पर में भूमि की तलाश कर इसे अपने नाम हस्तांतरित भी करवा लिया था, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते प्रशासनिक दखल के बाद नगर पंचायत को वहां पर कूड़ा संयंत्र की स्थापना से हाथ पीछे खींचने पड़े। इसके बाद एक बार फिर से कूड़ा संयंत्र की स्थापना के लिए भूमि की तलाश आरंभ हुई तो गगरेट-होशियारपुर रोड पर पांच कनाल सरकारी भूमि चिन्हित कर ली गई, लेकिन अब यह जमीन भी विभिन्न विभागों के अनापत्ति प्रमाण पत्र के फेर में फंस गई है।
करीब पांच सरकारी विभागों द्वारा उक्त भूमि की ज्वाइंट इंस्पेक्शन भी कर ली गई है लेकिन अभी तक दो विभागों द्वारा ही अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। नगर पंचायत गगरेट एक ही स्थान पर कूड़ा सयंत्र की स्थापना के साथ कई गतिविधियां शुरू करना चाहती है। इसमें मैटीरियल रिकवरी फेसिलिटी सेंटर के साथ गीले कचरे से खाद बनाना व कई अन्य गतिविधियां शामिल हैं। इसके लिए मशीनरी खरीद के लिए भी शहरी विकास विभाग द्वारा सेंक्शन भी प्रदान कर दी गई है लेकिन जमीन की उपलब्धता न होने के कारण कूड़ा सयंत्र की स्थापना लटक कर रह गई है। ऐसे में कूड़ा संयंत्र कब स्थापित होगा यह अभी भी अनिश्चितता के गर्भ में छिपा है। उधर नगर पंचायत गगरेट के कनिष्ठ अभियंता राजीव ठाकुर का कहना है कि होशियारपुर रोड़ पर पांच कनाल भूमि चिन्हित कर ली गई है। इसकी ज्वाइंट इंस्पेक्शन भी हो चुकी है। अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलते ही केस भूमि हस्तांतरण के लिए उपायुक्त के पास भेजा जाएगा। भूमि मिलते ही कूड़ा संयंत्र की स्थापना का काम शुरू किया जाएगा। (एचडीएम)