डिपो संचालकों का हो रहा शोषण

By: Jan 26th, 2023 12:45 am

मुख्यमंत्री को निजी डिपो धारकों-सहकारी सभाओं के विक्रेताओं ने सौंपा ज्ञापन

कार्यालय संवाददाता-हमीरपुर
प्रदेश डिपो संचालक समिति का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से निजी डिपो धारकों व सहकारी सभाओं के विक्रेताओं को मासिक वेतन देने के बारे में एक ज्ञापन सौंपा है। डिपो संचालक समिति के प्रदेशाध्यक्ष अशोक कवि ने बताया कि प्रदेश के निजी डिपो धारकों व सहकारी सभाओं के विक्रेताओं के साथ-साथ सचिव का कार्य देख रहे सभाओं के कर्मचारियों की ओर आकर्षित करना चाहता हैं। प्रदेश में करीब 5100 डिपो धारक हैं, जिनमें निजी डिपो धारक व सहकारी सभाओं के विक्रेता शामिल हैं। प्रदेश के निजि डिपो धारकों को राशन रखने के लिए अपना पैसा खर्च कर दुकान किराए पर लेनी पड़ती है। बिजली का बिल, प्रति वर्ष डिपो के लाइसेंस, खाद के लाइसेंस के नवीनीकरण का खर्च, स्टेशनरी का खर्च, मापतोल विभाग से भार तोलक मशीन पर मोहर लगाने का खर्च व निगम के गोदामों से राशन खरीदने के लिए भी पैसा अपनी जेब से ही खर्च करना पड़ता है, जबकि सरकार द्वारा डिपो धारकों को एपीएल के राशन पर मात्र चार फीसदी कमीशन दिया जा रहा है।

सरकार द्वारा जितना कमीशन हमें दिया जा रहा है, उससे अधिक खर्च तो डिपो धारकों का इसकी व्यवस्था करने पर ही हो जाता है। जोपीओएस मशीनें विभाग ने डिपो धारकों को दी हैं, उनमें डाली गई सिमें भी पिछले लंबे समय से बंद पड़ी हैं। सरकार द्वारा कंपनी को मशीनों में डाटा उपलब्ध करबाने का खर्च भी दे रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के नौ जिलों जिनमें बिलासपुर, किन्नौर, सिरमौर, लाहुल, शिमला, चंबा, कुल्लू, सोलन व मंडी जिलों में सहकारी सभाओं की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण इन सभाओं के विक्रेता या विक्रेताओं के साथ-साथ सचिव का कार्य देख रहे सभाओं के कर्मचारी भी डिपो चलाने के लिए निजी डिपो धारकों की भांति सारे खर्च अपनी जेब से कर रहे हैं, जबकि नियमानुसार यह सारा खर्च सहकारी सभाओं को करना होता है। हमीरपुर, ऊना व कांगड़ा जिलों में अधिकतर सहकारी सभाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत है। बावजूद इसके इन जिलों में भी 90 फीसदी सभाएं अपने कर्मचारियों को सेवा नियमों के तहत वेतन न देकर मनमाने ढंग से वेतन देकर इनका शोषण कर रही हैं।
पूर्ण राज्यत्व दिवस कार्यक्रम पर मौसम की मार
हमीरपुर । बुधवार को हमीरपुर के बाल स्कूल खेल मैदान में आयोजित पूर्ण राज्यत्व दिवस पर मौसम ने पूरे कार्यक्रम में खलल डाले रखा। रात और सुबह हुई बारिश के कारण पूरा मैदान दलदल बन गया था। मैदान में जगह-जगह पर पानी भरा पड़ा है। हालांकि प्रशासन ने ग्राउंड में कंकरीट डालकर इसे लेवल करने का प्रयास किया, लेकिन मार्च पास्ट करने वालों को ऐसे ही परेड करनी पड़ी। कीचड़ वाले रास्ते पर परेड करवानी पड़ी जबकि दूसरी तरफ मुख्य अतिथि की दीर्घा में वाटर प्रूफ टेंट लगाया गया ताकि बारिश से बचाया जा सके। इसी तरह मैदान के चारों तरफ भी लोगों को बैठने के लिए टेंट की व्यवस्था की गई थी। बारिश के कारण पूरे ग्राउंड में कीचड़ ही कीचड़ नजर आया।


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