होटल मैनेजमेंट के बाद उगाई मशरूम… बने मिसाल

बेरोजगार युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत, राष्ट्रीय स्तर पर पा चुके बेस्ट मशरूम ग्रोवर अवार्ड ऑफ इंडिया
दिव्य हिमाचल ब्यूरो-बिलासपुर
मन में अगर दृढ़ इच्छा शक्ति हो और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो व्यक्ति किसी भी मुकाम को हासिल कर सकता है। बिलासपुर जिला के नम्होल के रहने वाले नरेंद्र सिंह स्नातक शिक्षा एवं होटल मैनेजमेंट करने के बाद जुनून और कड़ी मेहनत से न सिर्फ खेती के क्षेत्र में एक अलग मुकाम हासिल किया, बल्कि लाखों बेरोजगार युवाओं और एंटरप्रेन्योर्स के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं। नरेंद्र कुमार पलोग पंचायत में एग्रो हिल मशरूम नाम से कंपनी चलाते हैं। उन्होंने 2008 में 100 मशरूम कंपोस्ट बैग सिर्फ 8000 रुपए छोटे स्तर से मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में कदम रखा।
वर्ष 2008 में होटल मैनेजमेंट की ट्रेनिंग करने के उपरांत विज्ञापन के माध्यम से मशरूम खेती में प्रदेश सरकार द्वारा उद्यान विभाग के माध्यम से द्वारा प्रदान किए जा रहे विभिन्न प्रकार के अनुदान और विभाग द्वारा लोगों को मशरूम खेती से संबंधित दिए जाने वाले प्रशिक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त की। वर्ष 2014 में कंपोस्ट व बीच का प्रोजेक्ट तैयार करने के बाद उद्यान विभाग के माध्यम से पलोग में एग्रो हिल मशरूम फार्म स्थापित की गई। बाद में प्रदेश सरकार के माध्यम से डायरेक्टरेट ऑफ मशरूम रिसर्च सेंटर सोलन से मशरूम सपॉन की विशेष ट्रेनिंग ली। नरेंद्र का कहना है कि खाद और मशरूम की सप्लाई बिलासपुर जिला के साथ-साथ सोलन, मंडी, हमीरपुर व ऊना आदि जिलों में हो रही है और कंपोस्ट की इतनी मांग है कि हम लोगों की इस मांग को पूरी नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि इधर-उधर नौकरी के लिए भटकने की जगह किसी एक क्षेत्र में अपने स्किल डिवेल्प करने की आवश्यकता है। नरेंद्र बताते हैं कि वर्ष 2000 और 2021-22 के दौरान पुणे आईसीएआर डायरेक्टरेट ऑफ मशरूम रिसर्च सेंटर चंबाघाट सोलन द्वारा राष्ट्रीय स्तर का बेस्ट मशरूम ग्रोवर अवार्ड ऑफ इंडिया से नवाजा गया। इसके अतिरिक्त कृषि विश्वविद्यालय जम्मू से उन्हें नवोन्मेशी किसान पुरस्कार भी प्रदान किया गया।