आंत्रशोध से हाहाहार, सारी पेयजल सप्लाई रोकी
जलशक्ति विभाग पूरे क्षेत्र में अब टैंकरों से करेगा पेयजल आपूर्ति; सैंपल एकत्रित कर जांचे, पानी में अभी तक नहीं मिली कोई खामी
एन भारती-नादौन
उपमंडल में फैले आंत्रशोध मामले ने स्वास्थ्य महकमे तथा जल शक्ति विभाग की नींद उड़ा दी है। जल शक्ति विभाग ने परकुलेश वैल योजना तथा इसके साथ अटैच दो अन्य योजनाओं से पानी की आपूर्ति को रोक दिया है। जब तक आंत्रशोध के मामले नियंत्रित नहीं हो जाते इन पेयजल योजनाओं से पानी की आपूर्ति क्षेत्रों में नहीं की जाएगी। संक्रमण की चपेट में आए क्षेत्रों में जल शक्ति विभाग ने टैंकरों से पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी है। लोगों को अब पेयजल टैंकरों के माध्यम से मिलेगा। रविवार को सामने आने मरीजों के अंाकड़े ने सभी को चौंका दिया है। नादौन के 22 गांवों में 340 लोग रविवार को संक्रमित निकले हैं। ऐसे में अब दोनों की विभाग मामले में जरा सभी भी ढील नहीं बरतना चाहते। जल शक्ति विभाग ने पानी के सैंपल जांचे हैं। हालांकि पानी में किसी तरह की खामी होने से इनकार किया जा रहा है। अब जल शक्ति विभाग पानी के सैंपल जांच के लिए कंडाघाट लैब भेजने की तैयारी में है। सोमवार के दिन पानी के सैंपल जांच के लिए कंडाघाट लैब जाएंगे। वहीं स्वास्थ्य महकमे ने भी क्षेत्रों से पानी के चार सैंपल भरे हैं। इनकी जांच मेडिकल कालेज की लैब में होगी। दोनों ही विभाग पानी की गुणवत्ता को जांचने में लग गए हैं। माना यह भी जा रहा है कि इस संक्रमण का कारण कुछ और भी हो सकता है। फिलहाल दोनों ही महकमे अपने-अपने स्तर पर बेहतर प्रयास करने में लगे हुए हैं। रविवार को नादौन में दो दर्जन गांव तक आंत्रशोथ पहुंच चुका है। रविवार को 340 नए रोगियों की पहचान हुई है। रंगस परकुलेशन वैल योजना को अभी तक बंद रखा गया है और क्षेत्रभर में टैंकरों की मदद से लोगों को पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
रविवार को दिन भर जल शक्ति एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपनी-अपनी टीमों सहित फील्ड में रहे। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सबसे अधिक प्रभावित रंगस क्षेत्र के चार गांव बलाहर, बरवाल, खैरी, टप्पर में रविवार को सबसे अधिक मरीज मिले हैं। यदि दूषित जल ही इसका मुख्य कारण होता तो रंगस से करीब दस किलोमीटर दूर दंगड़ी और भूंपल क्षेत्र के गांव रोग की चपेट में नहीं आते क्योंकि यहां की पेयजल योजना अलग है। राहत की बात यह है कि अभी तक किसी भी रोगी में उल्टी व दस्त के अलावा अन्य कोई गंभीर लक्षण नहीं पाए जा रहे हैं, लेकिन जिस तरह से यह रोग फैल रहा है आने वाले समय में इसकी चपेट में और अधिक संख्या में लोग आ सकते हैं। इस बारे में जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता नीरज भोगल ने बताया कि अभी तक जांचे गए पानी के सैंपल में कोई खामी नहीं पाई गई है। सैंपल जांच के लिए अब कंडाघाट लैब भेजे जा रहे हैं। क्षेत्रों में टंैकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है। (एचडीएम)
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