सुदर्शन सोलंकी स्वतंत्र लेखक

सौर ऊर्जा के उपयोग की एक टेक्नॉलॉजी ‘सौर फोटो वोल्टेइक सेल’ (पीवीसी) है। यह पीवीसी सौर ऊर्जा को सीधे बिजली में बदल देते हैं। अंतरिक्ष में इस तरह संयंत्र स्थापित करना अत्यधिक लाभदायक है

कई अध्ययनों से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन से दुनिया भर के कई क्षेत्रों में बादल फटने की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि होगी। हिमालयी क्षेत्र में बादल फटने की सबसे अधिक घटनाएं देखी जा रही हैं क्योंकि हिमालयी क्षेत्र में दशकीय तापमान वृद्धि वैश्विक तापमान वृद्धि की दर से अधिक है। वर्तमान में

वैश्विक स्तर पर जिस तरह से प्लास्टिक के उत्पादन और उपयोग के बाद कूड़े का निर्माण किया जा रहा है, उस हिसाब से सिर्फ प्लास्टिक के रिसाइकल द्वारा इसके प्रदूषण और दुष्प्रभावों से बचा नहीं जा सकता है। जैविक प्लास्टिक के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए… पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले मुख्य

हमें बच्चों को हिंदी किताबें पढ़ने एवं हिंदी में बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, जिससे कि बचपन से ही बच्चों में हिंदी के प्रति प्रेम जाग्रत किया जा सके। सरकार को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जिससे हिंदी भाषा को प्रमुखता दी जाए एवं लोग हिंदी भाषा की ओर ज्यादा आकर्षित हो सकें। इसके

कोई भी भाषा तब ही जीवंत रह सकती है जब उसका प्रयोग लोगों द्वारा किया जाए। इसलिए हमें अपनी बोलचाल की भाषा में हिंदी का ही उपयोग करना चाहिए। साथ ही हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार भी होते रहना जरूरी है। इसके अतिरिक्त हिंदी भाषा के माध्यम से शिक्षित युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध

अमरीका के ‘नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन’ (एनओएए), प्रिंसटन यूनिवर्सिटी और यूके में ‘यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया’ के वैज्ञानिकों ने ऊष्णकटिबंधीय चक्रवातों पर बदलती जलवायु के प्रभाव को समझने के लिए इससे संबंधित 90 लेखों की समीक्षा की व निष्कर्ष निकाला कि यदि वर्ष 2100 तक दुनिया का तापमान 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है

सुदर्शन सोलंकी स्वतंत्र लेखक देश में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। सरकार को किसानों को जैविक खेती के लिए शिक्षित करना चाहिए। तभी इस समस्या का समाधान होगा… प्राचीन समय से भारत देश की भूमि का अधिकांश हिस्सा उन्नत व उपजाऊ था। बावजूद इसके जब किसानों द्वारा अधिक फसल उत्पादन हेतु रासायनिक उर्वरकों