नई दिल्ली। कांग्रेस ने पार्टी के उत्तर पूर्व दिल्ली की लोकसभा प्रत्याशी कन्हैया कुमार पर हुए हमले की निंदा करते हुए इसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कायरतापूर्ण हरकत तथा चुनाव में अवश्यम्भावी हार की हताशा...

कुल्लू। जिला मुख्यालय कुल्लू स्थित लोअर ढालपुर में एक स्वीट शॉप में शनिवार सुबह आग लग गई। आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। अग्निशमन केंद्र कुल्लू को 7 बजे लोअर ढालपुर में चंद्रलोक स्वीट शॉप में आग लगने की सूचना मिली। तीन मिनट में दमकल कर्मी वाहन...

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा और अभिनेती कृति सैनन की जोड़ी रोमांटिक फिल्म में नजर आ सकती है। सिद्धार्थ मल्होत्रा और कृति सैनन को हाल ही में मैडॉक के ऑफिस में देखा गया है, तभी से लेकर दोनों की साथ फिल्म करने को लेकर चर्चा है। कहा जा रहा है कि मुराद खेतानी जिस देसी

नादौन। नादौन-ज्वालामुखी मार्ग पर स्थानीय विश्राम गृह के निकट पेट्रोल पंप के सामने शनिवार सुबह करीब 4 बजे एक भीषण टिप्पर हादसे में चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे के बाद चालक करीब अढ़ाई घंटे तक अपनी सीट पर ही फंसा रहा, जिसे बाद में लोगों के सहयोग से निकाल कर...

मोहिनी एकादशी का व्रत वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाता है। पुराणों के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी मोहिनी है। इस व्रत को करने से निंदित कर्मों के पाप से छुटकारा मिल जाता है तथा मोह बंधन एवं पाप समूह नष्ट होते हैं। सीता की खोज करते समय भगवान श्रीराम ने भी इस व्रत को किया था। उनके बाद मुनि कौंडिन्य के कहने पर धृष्टबुद्धि ने और श्रीकृष्ण

गुरु अमर दास जी सिक्ख पंथ के एक महान प्रचारक थे जिन्होंने गुरु नानक जी महाराज के जीवन दर्शन को व उनके द्वारा स्थापित धार्मिक विचाराधारा को आगे बढ़ाया। तृतीय नानक गुरु अमर दास जी का जन्म 5 अप्रैल 1479 को अमृतसर के बसरका गांव में हुआ था। उनके पिता तेज भान भल्ला जी एवं

नृसिंह जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस जयंती का हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। भगवान श्रीनृसिंह शक्ति तथा पराक्रम के प्रमुख देवता हैं। पौराणिक धार्मिक मान्यताओं एवं धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी तिथि को भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था। भगवान विष्णु ने अधर्म के नाश के लिए कई अ

जिससे स्वामी जी का चरित्र भ्रष्ट हो जाए और वह उनके खिलाफ प्रचार करें। जब उनको इसमें कामयाबी हासिल न हो सकी तो फिर स्वामी जी में डर बिठाकर प्रचार कार्य को रोकने की कोशश करने लगे। वे विचारे ये नहीं जानते थे कि अभय तो भारतीय अध्यात्म साधाना की पहली शर्त है। स्वामी जी अपनी प्रशंसा को सुनकर न तो घमंड में डूबे थे और न ही अपनी निंदा को सुनकर विचलित हुए थे। वे पूरे जी जान से अपने प्रचार कार्य में लगे रहे। स्वामी जी के मित्र व स्नेही कदम-कदम पर उन्हें सावधान करते रहते

हम अपना अधिकांश जीवन चेतना की तीन अवस्थाओं में जीते हैं, जाग्रत, स्वप्न और सुषुप्ति। चेतना की जाग्रत अवस्था में हम पांच इंद्रियों के माध्यम से संसार का अनुभव करते हैं। हम इन इंद्रियों से उन्नति और आनंद चाहते हैं। यदि किसी भी एक इंद्रिय की कमी है, तो उस इंद्रिय का संपूर्ण आयाम खो जाता है। जो सुन नहीं सकता वह ध्वनि के पूरे क्षेत्र से वंचित है। इसी प्रकार, जो देख नहीं सकता वह सभी सुंदर दृश्यों और रंगों से वंचित है। अत: इंद्रिय के विषय से इंद्रिय अधिक महत्त्वपूर्ण और बहुत बड़ी है। मन इंद्रि