संपादकीय

राजनीति के तलवों की पीड़ा अपने विरोधियों के वार से अधिक तकलीफदेह होती है, तो विचारों के अपने घुटने जब दर्द देते हैं, तो राहों पर चस्पां कांटे किसने देखे। बिना सबूतों के दोषी करार देने की सियासत ने इतनी हिम्मत तो जुटा ली है कि गाहे-बगाहे ऐसे पथराव से विरोध को कुंद कर दिया

नीति आयोग के समक्ष हिमाचली वकालत का न तो लहजा बदला और न ही अर्थ। एक लंबी आर्थिक दास्तान पुनः अपनी बेडि़यां खोलने के लिए प्रयासरत है, जबकि नीति आयोग अपने हीले हवालों में फंसा सीधा मार्गदर्शन नहीं कर रहा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्रीय मदद के जितने भी अध्याय नीति आयोग की बैठक में

अंततः गृह मंत्री राजनाथ सिंह को जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम समाप्त करने की घोषणा करनी पड़ी। यह निर्णय कुछ दिन पहले ही लिया जा चुका था। हमने उसी के आधार पर संघर्ष विराम खत्म किए जाने का विश्लेषण किया था। चूंकि अब रमजान का पाक महीना गुजर चुका है और ईद भी मना ली गई

हिमाचल की सरकारी छत अगर अपनी छांव का विस्तार करे, तो तरक्की के फासले और नागरिक उम्मीदों की दूरियां कम हो जाएंगी। जनसंवाद के जरिए सरकार ने जनता की चौपाल तो संवारनी शुरू कर दी, लेकिन हिमाचली दफ्तरों का माहौल, जिम्मेदारी और जवाबदेही की मानिटरिंग चाहिए। कुछ साल पहले जेल विभाग ने कैदियों के जीवन

बीते दिनों पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एम्स में भर्ती होना पड़ा। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। शारीरिक गड़बडि़यों के कारण वह अब भी आईसीयू में हैं और डाक्टरों की एक टीम की लगातार निगरानी में हैं। संयोग है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री का हाल-चाल जानने सबसे पहले एम्स गए। अटल

रमजान का पाक महीना गुजर चुका है, आज सभी ईद की खुशियों में सराबोर हैं और उसके बाद जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम नहीं रहेगा। सेना और सुरक्षा बल आतंकियों के खिलाफ खुलकर आपरेशन कर सकेंगे। संघर्ष विराम को समाप्त करने का संवेदनशील फैसला भारत सरकार ने बुनियादी तौर पर ले लिया है, लेकिन घोषणा ईद

पुनः एशियन विकास बैंक ने हिमाचल को बतौर पर्यटन राज्य अंगीकार करते हुए उन्नीस सौ करोड़ की परियोजनाओं पर सहमति दी है। पर्यटन अधोसंरचना केवल चंद ईंटें नहीं, बल्कि भविष्य में प्रदेश के अस्तित्व की काबीलियत है। कहने को मौजूदा दौर में भी हिमाचल अपनी आबादी से तीन गुना अधिक सैलानी आकर्षित कर रहा है,

यह भी विडंबना और बंद सोच का नमूना है कि यदि प्रधानमंत्री मोदी की फिटनेस का वीडियो कुछ चैनलों पर प्रसारित होता है, ट्विटर पर देखा जा सकता है, तो दिन ढलते-ढलते रोजगार, किसानी, समर्थन मूल्य, जीएसटी, नोटबंदी, सांप्रदायिक दंगों तक के सवाल पूछे जाने लगते हैं। गोवा, मणिपुर, मेघालय की सरकारों के संदर्भ याद

संकरी पैमाइश की उच्च शिक्षा में गुणवत्ता तलाशने की हिमाचली कोशिश को जबरदस्त तरीके से समझने की जरूरत है। तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति एसपी बंसल ने पद संभालते ही शिक्षा को सहेजने का संकल्प लेकर यह बता दिया कि पूरी तकनीकी शिक्षा के मानदंड किस स्थिति में हैं। बेशक पिछले एक दशक में राज्य ने