हवाई यात्रियों की संख्या लगभग 10 करोड़ नई दिल्ली – सस्ते विमान ईंधन, एयरलायंस के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा और नेटवर्क विस्तार के दम पर घरेलू विमानन उद्योग लगातार दूसरे साल 20 फीसदी से अधिक की रफ्तार से बढ़ा है और पिछले साल हवाई यात्रियों की संख्या 10 करोड़ के करीब पहुंच गई। नागर विमानन महानिदेशालय

थुनाग —  सराजघाटी में बर्फबारी के 10 दिन बाद भी अभी क्षेत्र को जोड़ने वाले मार्ग बंद पड़े हैं। वहीं जंजैहली-मंडी मार्ग से बर्फ  हटा दी गई है। इसके साथ घाटी को जोड़ने वाले मार्ग जैसे चिउणी-लंबाथाच, कुलथनी-लंबाथाच, छतरी-जंजैहली मार्ग अभी भी बंद पडे़ हैं, जिसके चलते क्षेत्र के लोगों को परेशानियों का सामना करना

नम्होल —  नम्होल के नजदीक सोशण गांव में अज्ञात चोरों ने सड़क किनारे खड़ी दो कारों के टायर उड़ा लिए। सोशण निवासी रामलाल ने अपनी मारुति कार सड़क के किनारे खड़ी की थी, जब वह सुबह अपनी ड्यूटी पर जा रहा था तो उसकी नजर अपनी गाड़ी के टायरों पर पड़ी। उसकी गाड़ी के पीछे

आनी – आनी खंड की ग्राम पंचायत खणी के अंतर्गत आर्दश पब्लिक स्कूल में स्वामी विवेकानंद जयंती कार्यक्रम जिला युवा सेवाएं एवं खेल विभाग कुल्लू व युवक मंडल शगागी के तत्त्वावधान में आयोजित किया गया। युवक मंल के प्रधान उमत राम ने बताया कि इस कार्यक्रम में भाषण प्रतियोगिता व पेंटिंग प्रतियोगिता सहित सांकृतिक कार्यक्रम

पतलीकूहल —  पहली जनवरी से ही ऊझी घाटी की चोटियों पर निरंतर बर्फबारी होने से लोगों में भारी उत्साह है। वहीं पर पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग मौसम के इस मिजाज से पूरी तरह से संतुष्ट दिख रहे हैं। सोमवार की सुबह घाटी की पर्यटन नगरी मनाली में दूसरी बार हिमपात होने से पर्यटकों को

घुमारवीं —  थाना घुमारवीं के तहत पड़ने वाले राजकीय प्राथमिक पाठशाला सेऊ में चोर स्कूल का ताला तोड़कर बच्चों का राशन डकार गए। चोरों ने स्कूल का ताला तोड़कर वहां पर रखा मिड-डे मील का सारा राशन उड़ाकर फरार हो गए। चोरों ने कमरे में रखी दालें, तेल, चावल, हल्दी व नमक के पैकेटों सहित

मिशन योजना के प्रतिकूल था नेहरू का वक्तव्य 29 जून को मंत्रि  मिशन के ब्रिटेन  वापस जाने से पहले 7 उच्च अधिकारियों की एक काम चलाऊ सरकार बना दी गई ताकि वह संविधान सभा के लिए निर्वाचन आदि करा सके। इसी बीच दो घटनाएं ऐसी हुईं, जिनका मुस्लिम लीग के रुख पर गहरा प्रभाव पड़ा-

शिमला  – राजधानी में सीजन के भारी हिमपात ने जहां आम आदमी की मुश्किलों को बढ़ा रखा है, वहीं कला प्रेमियों के लिए यह मुश्किल बढ़ाने वाला हिमपात भी अपनी कला के नमुने तैयार करने के लिए प्रकृति की एक अद्भुत देन लग रहा है। यह उनकी कला और कला के लिए उनका प्रेम ही

पांगी के नर्तक प्रायः हाथ से बुने मोटे ऊन के कोट और गोल टोपी जो जाओ पायजामा और पैरों में पूलें पहनते हैं। स्त्रियां कुर्ता, तंग गहरे रंग का पायजामा और कुर्ते पर ऊनी शॉल पहनती हैं। जेवरों में कंकरू और मुर्की पसंद करती हैं… स्पीति क्षेत्र में पुरुष बालदार ऊंची टोपी, लिंगजिमा एक लंबी