अब मनरेगा में धांधली आसान नहीं

By: Jan 18th, 2017 12:02 am

जियो टैगिंग से ऑनलाइन दिखेगा हर काम, सभी रख सकेंगे पैनी नजर

धर्मशाला – मनरेगा के तहत विकास कार्यों में अब धांधली नहीं हो पाएगी। जियो टैगिंग से अब देश के छोटे से छोट गांव पर भी विभाग के अधिकारियों सहित ग्रामीणों की पैनी नजर रहेगी। मनरेगा का हर कार्य ऑनलाइन दिखेगा। यह जियो टैगिंग से संभव हो पाएगा। प्रदेश के सबसे बडे़ जिला कांगड़ा ने मनरेगा के कार्यों की जियो टैगिंग कर देश में पहला स्थान हासिल कर लिया है। जिला कांगड़ा के अंतर्गत आने वाले 15 विकास खंडों में जियो टैगिंग का कार्य शत-प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। विकास कार्य के स्थान पर ही अक्षांश/देशांतर खोजक के माध्यम से सेटेलाइट पर अपलोड किया जाएगा। इस प्रकिया से मनरेगा के कार्यों में सामने आने वाले घोटालों पर भी विराम लगेगा। गौरतलब है कि मनरेगा के कार्यों में कुछ मामले ऐसे भी सामने आए थे, जिसमें परियोजना का नाम बदलकर फिर अगले काम में उसे दर्शाकर धांधली की जाती थी, लेकिन जियो टैगिंग से ऐसे कार्यों पर पूर्ण रूप से विराम लग जाएगा। भारत सरकार ने जियोग्राफिकल आइडेंटिफिकेशन मेटाडाटा (जियो टैगिंग) योजना शुरूकी थी। इसके तहत वर्ष 2005 से मनरेगा के तहत किए गए विभिन्न विकास कार्यों को ऑनलाइन किया जाना है। इसमंे व्यक्ति द्वारा मनरेगा कार्यांे की स्वीकृति से लेकर बजट और मजदूरों के कार्य दिवस सहित तमाम जानकारी भी ऑनलाइन उपलब्ध करवाई जानी प्रस्तावित है। सेटेलाइट की मदद से अब अधिकारी विकास कार्यों पर अपने कार्यालय से ही नजर रख पाएंगे। भारतवर्ष में यह योजना अप्रैल 2016 में शुरू हुई थी। जिला कांगड़ा भी योजना के तहत कार्य करते हुए अब देश में पहले स्थान की दौड़ में पहुंचा है।


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