आईसीडीपी की डीपीआर तैयार
केंद्र की मंजूरी के बाद सोलन-मंडी में शुरू होगा प्रोजेक्ट
शिमला — इंटिग्रेटेड को-आपरेटिव डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट की डीपीआर लगभग तैयार हो गई है, जिसे हिमाचल केंद्र सरकार को भेजेगा। केंद्र के सहकारिता मंत्रालय ने हिमाचल के आग्रह पर इस प्रोजेक्ट की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट मांगी थी जिसे तैयार करने के लिए यहां पर कंसल्टेंट की भी नियुक्ति की गई। सोलन और मंडी जिला में आईसीडीपी प्रोजेक्ट चलाया जाना है, जिसके तहत यहां की सहकारी सभाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाया जा सकेगा। करीब एक साल से यह मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा था, क्योंकि प्रदेश ने जो प्रोपोजल केंद्र को भेजा था, उसमें डीपीआर शामिल नहीं थी। मंत्रालय की इसकी विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद ही प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की बात कही थी। प्रदेश में कुछ जिलों में ये प्रोजेक्ट चल रहा है, जिसके तहत यहां पर कई सहकारी सभाएं सुदृढ़ हुई हैं। इन सहकारी सभाओं ने न केवल अपना दायरा बढ़ाया है, बल्कि ग्रामीण विकास में ये मददगार भी साबित हो रही हैं। इसके साथ जुड़ने से बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार भी हासिल हो सका है। ऊना जिला में ऐसी सबसे अधिक सहकारी सभाएं हैं, जिनका लाभ वहां पर मिल रहा है। ऊना से ही सहकारिता की अलख भी जगी थी। लिहाजा वहां के लोग इसके प्रति अधिक जागरूक हैं। मंडी और सोलन जिलों में भी बड़ी संख्या में सहकारी सभाएं हैं जो कि सहकारिता विभाग के अधीन काम कर रही हैं। इसी तरह से कुल्लू में भी कई संस्थाएं हैं जहां पर भी ये प्रोजेक्ट सफलता से चलाया गया है। इसी तर्ज पर सोलन और मंडी के लिए प्रदेश ने यह प्रोजेक्ट तैयार किया है, जिसे केंद्र से मंजूरी मिलने के साथ यहां पर लागू किया जाएगा। जल्द ही प्रदेश सरकार इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की स्टडी करके इसे केंद्र को भेजेगी और प्रयास करेगी कि जल्द से जल्द यहां के लिए प्रोजेक्ट मंजूर हो। सहकारिता मंत्री कर्ण सिंह सभी जिलों में इस प्रोजेक्ट को लागू करने के पक्ष धर रहे हैं और पिछले दिनों मामले को दृढ़ता से उठाया था।
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