आपदा प्रबंधन की पोल खुली

By: Jan 8th, 2017 12:01 am

साल भर करोड़ों रुपए खर्च कर अभ्यास, जरूरत पर कुछ भी नहीं

 शिमला— प्रदेश में एक दफा फिर से आपदा प्रबंधन की पोल खुल गई है। साल भर करोड़ों रुपए खर्च कर अभ्यास होते हैं, लेकिन जरूरत के समय कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। शनिवार को शिमला समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई है, जहां पर अनगिनत सड़कें बंद हो चुकी हैं, वहीं सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। लोगों को राहत पहुंचाने के लिए न तो आपदा प्रबंधन का दल कहीं नजर आया और न ही वे अभ्यास करने वाले कहीं पर दिखाई दिए। हैरानी की बात है कि खुद आपदा प्रबंधन को देखने वाले इस विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अपने घर में कैद होकर रह गए हैं, जहां उनके घर में बिजली तक भी नहीं थी। इसका खुलासा उन्होंने  खुद अपने फेसबुक अकाउंट पर किया, जिन्होंने माना कि वह खुद असहज महसूस कर रहे हैं, जबकि आपदा प्रबंधन वही देखते हैं। हालांकि इतने बड़े पैमाने पर बर्फबारी लंबे समय के बाद हुई है, परंतु लोगों को राहत पहुंचाने के लिए इतने इंतजाम तो प्रशासन के पास होने चाहिए थे कि मुख्य सड़कें खोली जा सकें और शहरों में जरूरत के सामान की व्यवस्था हो सके। हैरानी इस बात की है कि सरकारी दफ्तर खुलने के बाद भी शिमला जैसे शहर में ही सड़कें पूरी तरह से बंद रहीं और इन सड़कों को खोलने के लिए कर्मचारी कहीं नजर नहीं आए। न ही कोई मशीनरी विभाग की तरफ से लगाई गई थी। रविवार को वैसे ही सरकारी अदारा बंद रहता है, जिसमें कोई उम्मीद की ही नहीं जा सकती। ऐसे में प्रदेश का आपदा प्रबंधन कहां है, जो ढूंढ़े से नहीं मिल रहा। स्नो मैनुअल के तहत जो काम किए जाने चाहिए थे, वे नहीं हुए। ऐसे में आपदा प्रबंधन के अभ्यास के दौरान आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए क्या कुछ किया जाता है, वह यहां कुछ नहीं हो रहा है और खुद विभाग के अधिकारी इस बात को मानने को मजबूर हैं।


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