आरोपियों के पैरोकार

By: Jan 6th, 2017 12:01 am

( अर्पिता पाठक )

तृणमूल कांग्रेस सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय को सारधा, रोजवैली जैसे चिटफंड घोटाले के संदर्भ में गिरफ्तार करने पर उस पक्ष के समर्थक क्रोधित हो गए हैं। नेता चाहे किसी भी दल का हो, वह किसी भी घोटाले में शामिल होने के सबूत होने के बाद भी उसका समर्थन करना गलत है। देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए मुहिम ‘नोटबंदी’ चलानी पड़ती है और यहां तो घोटाले में पकड़े सांसद को बचाने के लिए हंगामा जारी है। क्या इन्हें नहीं लगता कि घोटाले करने वाले सलाखों के पीछे होने चाहिए? अलग-अलग कंपनियों के चिटफंड घोटालों ने आम जनता को फंसाया है। उस वक्त जनता को उसके पैसे वापस मिलने के लिए प्रदर्शन क्यों नहीं किया? जनता से अधिक लगाव उसे लूटने वालों पर किस तरह होता है, यह देश को देखने मिल रहा है।

 


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