एनजीओ को बिना आधार-पैन नंबर नहीं मिलेगी ग्रांट

By: Jan 23rd, 2017 12:01 am

शिमला  – प्रदेश में गैर सरकारी व स्वयंसेवी संस्थाओं को अब ग्रांट लेने के लिए यूनीक आईडी नंबर और पैन नंबर बनाना अनिवार्य होगा। कुछ समय पहले ही केंद्र सरकार द्वारा करीब 11 हजार एनजीओ की मान्यता रद्द कर दी गई थी। इसके बाद नीति आयोग की ओर से सभी प्रदेशों को एनजीओ को ग्रांट जारी करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाने के निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए नीति आयोग की ओर से विशेष गाइडलाइन भी जारी की जा चुकी है, जो संस्थाएं ये नंबर नहीं देंगी, उन्हें ग्रांट से वंचित रहना होगा। प्रदेश सरकार को ऐसे आदेश सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता मंत्रालय से जारी हुए हैं। दरअसल नीति आयोग द्वारा इस प्रक्रिया के लिए एनजीओ-पीएस पोर्टल तैयार किया है। स्वयंसेवी संस्थाओं को जारी होने वाली ग्रांट पर चैक रखने के लिए नीति आयोग ने यह पोर्टल तैयार किया है। केंद्र के निर्देशों के बाद सरकार ने सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं कि वे विभिन्न प्रोजेक्टों के तहत काम करने वाली एनजीओ के पैन नंबर और यूनीक आईडी नंबर बनवाने सुनिश्चित करें और अगर कोई भी एनजीओ इस बारे में लापरवाही दिखाती है तो उसे ग्रांट जारी न की जाए। किसी भी तरह की वित्तीय सहायता के लिए गैर सरकारी संस्थाएं और स्वयंसेवी संस्थाएं इस पोर्टल में जाकर अपना यूनिक आईडी बना सकती हैं। इसके बाद इसी को आधार बना कर गैर सरकारी संस्थाओं और स्वयंसेवी संस्थाएं कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए वित्तीय सहायता के लिए आवदेन कर सकेंगी। बताया जा रहा है कि यह इन नंबरों के आधार पर एनजीओ को ट्रैक करना बेहद आसान होगा। इसके जरिए एनजीओ को कहां से कब और कितनी ग्रांट जारी हुई है, इस बारे में रिकार्ड रखना आसान होगा।

शिक्षा विभाग ने भी दिए निर्देश

केंद्र के निर्देशों के बाद शिक्षा विभाग ने सभी उपनिदेशकों, कालेज व स्कूल प्रधानाचार्य को भी निर्देश जारी कर दिए हैं। इनमें साफ कहा गया है कि किसी भी प्रोजेक्ट अथवा अन्य योजना के तहत गैर सरकारी संस्था को किसी भी तरह की ग्रांट जारी करने से पहले संस्था का पैन नंबर और आधार होना सुनिश्चित करें।

 


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