ओला और स्नोफाल

By: Jan 15th, 2017 12:05 am

कैसे गिरने लगे  ओले आओ तुम्हें बताएं कि यह कैसे बनाते हैं होता क्या है जब बादलों से वर्षा की बूंदे गिरती हैं धरती पर तो हवा उन्हें फिर तेजी से ऊपर ले जाती है।

अब वहां होती है बहुत सर्दी अब यह मासूम वर्षा की बूंदे बन जाती हैं बर्फ  जब नीचे गिरने लगती है। यानी कि धरती के पास तो पानी की परत इनके ऊपर जमा होती जाती है और यह गोले बन जाते हैं। जब यह ठंडी जगह से होकर निकलते हैं, तो ओले बन जाते हैं अब यह इतने मोटू हो जाते हैं की अब हवा कितनी कोशिश करे इन्हें ऊपर नहीं ले जा पाती कभी-कभी तो यह कई-कई किलो के भी हो जाते हैं जैसे 14 अपै्रल 1986 को बंगला देश के गोपाल गंज जिले में 1.02 किलोग्राम के वजन के ओले गिरे थे अमरीका के काफी विलो और केंसास नगर में 3 दिसंबर 1970 में 750 ग्राम वजन के ओले पड़े उन ओलों का व्यास 19 सेंटी मीटर तक था जर्मनी के एक्सन नामक नगर में जब ओले गिरे तो अंदर एक मछली भी जमी हुई मिली इनके होने से फसल खराब हो जाती है पर या बेमौसम बर्फ का मजा भी देती है। यह तो हुई ओलों की बात, पर ऊंचे पहाड़ों पर बारिश के आलावा बर्फ गिरती है।


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