करसोग केलोगों को अग्निशमन केंद्र का इंतजार

By: Jan 5th, 2017 12:05 am

करसोग — उपमंडल मुख्यालय करसोग के समीप स्थापित होने वाली अग्निशमन इकाई पिछले लगभग दो वर्षों से कागजों में ही घूम रही है। मूर्तरूप लेने से कोसों दूर अग्निशमन इकाई घोषणा के बावजूद करसोग में नहीं खुलने को लेकर क्षेत्र के लोग अब रोष प्रकट करने लगे हैं कि विकास कार्यों की घोषणाओं के बाद उन्हें अमली रूप क्यों नहीं दिया जा रहा। हालांकि अग्निशमन इकाई करसोग में खुलने के लिए भूमि की व्यवस्था हो चुकी है, सरकार द्वारा दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं, परंतु वह इकाई सुविधाओं के लिए क्यों नहीं दिखाई दे रही इस पर गौर किया जाना चाहिए। जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान व क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी एडी शर्मा ने कहा कि पिछले कई दशकों के दौरान करसोग विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों में हो चुके भयंकर अग्निकांडों को ध्यान में रख कर सरकार द्वारा लगभग दो वर्ष पहले फायर ब्रिगेड की इकाई करसोग में स्थापित करने की घोषणा की जा चुकी है, परंतु वह घोषणा अभी तक कागजों से बाहर नहीं निकल पाई है, जबकि सरकार द्वारा घोषणा के अनुसार पैसा भी दिया जा चुका है, फिर भी संबंधित विभाग द्वारा इस पर तेजी से कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही। उन्होंने कहा कि उपमंडल करसोग शिमला से लगभग सौ किलोमीटर दूर, मंडी जिला मुख्यालय से लगभग 122 किलोमीटर दूर, रामपुर से लगभग 80 किलोमीटर दूरी पर स्थित है व जब भी कोई अग्निकांड होने की घटना होती है तो स्थानीय लोगों के प्रयासों के बावजूद भी आज तक शायद ही आग के तांडव से कोई संपत्ति बचाई जा सकी हो। फिर भी करसोग में अग्निशमन केंद्र खोलने वाली योजना कागजों में ही भटकी हुई है। जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान व समाजसेवी एडी शर्मा ने कहा कि पिछले लगभग तीन दशकों के दौरान दर्जनों परिवार आगजनी की घटना में अपनी घरेलू संपत्ति पूरी तरह खो चुके हैं, पलों में ही आग की भेंट सारा सामान अपनी आंखों से चढ़ते हुए देखना पीडि़त लोगों की मजबूरी हो जाता है व अर्श से फर्श पर पटकने की पीड़ा ताउम्र झेलनी पड़ती है। हालांकि अग्निशमन इकाई करसोग, जैसे पहाड़ी क्षेत्र में सभी स्थानों पर नहीं पहुंच सकती बावजूद इसके अनेक घटनाओं को रोके जाने में अपना सहयोग अवश्य दे सकती है। आगजनी की घटना होने के बाद पीडि़त परिवार की, जो सहायता प्रशासन व सरकार द्वारा की जाती है वह निश्चित तौर पर कुछ दिनों के लिए परिवार को सहारा जरूर है, परंतु उस सहायता से पीडि़त परिवारों का जीवन पटरी पर लौट सके ऐसा संभव नहीं हैं, परंतु अग्निशमन इकाई होने की स्थिति में आगजनी की घटना होने पर काफी कुछ बचाया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र से शहर की ओर तबदील हो चुके करसोग उपमंडल मुख्यालय पर अग्निनशमन इकाई स्थापित होना बेहद जरूरी है, जिस पर गौर किया जाना चाहिए। हैरानी तो इस बात की है कि पड़ोसी विधानसभाओं में करसोग के बाद अग्निशमन इकाई खोलने की घोषणा हुई और करसोग से पहले आनी व अन्य कई स्थानों पर अग्निशमन केंद्र स्थापित भी कर दिया गया है।


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