कुल्लू-मनाली एयरपोर्ट राजनीतिक अड्डा

By: Jan 8th, 2017 12:05 am

भुंतर – प्रदेश का सबसे पुराना कुल्लू-मनाली हवाई अड्डा केंद्र व राज्य सरकारों के लिए राजनीति का अड्डा बन गया है। इस हवाई अड्डे के विस्तार प्रोजेक्ट के नाम पर राज्य की दोनों पार्टियां कांग्रेस व भाजपा प्रदेश में बनने वाली नई सरकार की राजनीतिक उड़ान करने की तैयारी में हैं। लिहाजा, विस्तार प्रोजेक्ट के नाम पर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला तेज होने लगा है। कुल्लू-मनाली एयरपोर्ट भुंतर के विस्तार प्रोजेक्ट की सुस्ती से प्रदेश के पर्यटन कारोबार को हर साल करोड़ों का नुकसान हो रहा है। इसके चलते यहां पर न तो सौ सीटर विमान का सपना पूरा हो पा रहा है और न ही नाइट लैंडिंग की सुविधा मिल पा रही है। इसके अलावा छोटे एयरपोर्ट से यहां पर विमान सेवा भी सुचारू तौर पर नहीं मिल पा रही है। एयरपोर्ट अथारिटी खानापूर्ति के नाम पर केवल एक विमान की सेवा प्रदान करने को मजबूर है। बता दें कि इस एयरपोर्ट के लिए करीब 500 से 600 करोड़ का विस्तार प्रोजेक्ट बना है, जिसके लिए जमीन ट्रांसफ र की प्रक्रिया इन दिनों चल रही है। परंतु प्रदेश में चुनावों से ठीक पहले भाजपा और कांग्रेस इस प्रोजेक्ट की आड़ में राजनीति करने से जरा भी चूक नहीं रही हैं। सूत्रों की मानें तो केंद्र में भाजपा के काबिज होने के बाद से ही विस्तार प्रोजेक्ट की गति में एकाएक सुस्ती आ गई है , जिसके चलते पिछले दो सालों से दोनों दल एक-दूजे पर निशाना साध रहे हैं। केंद्र सरकार व भाजपा के नुमाइंदे इस प्रोजेक्ट में जमीन ट्रांसफर मसले पर धीमी प्रक्रिया के नाम पर कांग्रेस पर आए दिन निशाना साध रही है, तो अब कांग्रेस ने मोर्चा संभाल केंद्र सरकार पर उक्त प्रोजेक्ट के लिए पैसा मंजूर न करने और आर्थिक मदद से हाथ खड़ा करने के आरोप लगाने आरंभ कर दिए हैं। पर्यटन कारोबारियों ने इस प्रोजक्ट पर राजनीति पर निराशा जाहिर की है और जल्द इस पर कार्य की आस जताई है। पर्यटन कारोबारियों की मानें तो इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से यहां पर बेहतर हवाई सेवा मिलेगी, साथ ही कुल्लू-मनाली के पर्यटन कारोबार को पंख लगेंगे।


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