खेती के साथ अपनाएं छोटे-छोटे

By: Jan 5th, 2017 12:02 am

किसान— किसान आयोग के चेयरमैन डा. रमेश यादव ने किसानों से अनुरोध किया कि वे खेती के साथ-साथ पोल्ट्री फार्म, डेयरी फार्म, मधुमक्खी पालन, फूलों की खेती जैसे सहायक व्यवसायों को अपनाकर अपनी आमदनी को बढ़ाएं। इन सहायक व्यवसायों के उपयोग से उनकी आर्थिक समृद्धि और खुशहाली को बढ़ाने में मदद मिलेगी। ये सभी सहायक व्यवसाय खेती के साथ-साथ बिना किसी अतिरिक्त खर्च के आमदनी का जरिया बनने में कारगर सिद्ध होंगे। डा. रमेश यादव गुरुवार को निकटतम गांव खेड़ी सिकंदर में प्रगतिशील किसान राजेश कुमार के खेतों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व नकद रहित लेन-देन विषय पर आयोजित जिला स्तरीय सेमिनार में किसानों को संबोधित कर रहे थे। इस सेमिनार का आयोजन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा किया गया था। डा. रमेश यादव ने कहा कि किसान आयोग का गठन किसानों व सरकार के बीच कड़ी स्थापित करने के लिए किया गया है। किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीड़ की हड्डी है। उन्होंने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय मानते थे कि किसान एक बड़ा वैज्ञानिक है, जो अपने अनुभव और मेहनत के आधार पर नए-नए प्रयोगों से खेतों में अनुसंधान करके खेती की पैदावार को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास करता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में ऐसी योजनाएं लागू की है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ-साथ उसकी समृद्धि के द्वार भी हमेशा खुले रहे। प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों किसानों की फसल बर्बाद होने पर मुआवजे के रुपए में 1092 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया। किसान आयोग के चेयरमैन ने कहा कि आज किसान फसलों में अंधाधुध रसायनों का उपयोग कर रहे हैं। इस अंधाधुध रसायनों के प्रयोग की प्रतियोगिता ने भूमि की उर्वरा शक्ति को निरंतर कम किया है। अब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने किसानों के सोयल हैल्थ कार्ड तैयार करने की योजना लागू की है, जिससे किसान फसल में आवश्यकता के अनुसार खाद का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि किसान ऐसी फसलंे पैदा करने पर जोर दें, जिनमें पानी का कम उपयोग होता हो। उन्होंने कहा कि किसान गौ संरक्षण व गौ संवर्धन की तरफ ध्यान देकर गोबर का उपयोग खाद के लिए करें। उन्होंने कहा कि आजकल नौजवान डेयरी फार्मिंग का व्यवसाय अपनाकर अपनी आजीविका का साधन अपना सकते हैं। किसान आयोग के सदस्य डा. आर एस बाल्याण ने कहा कि किसानों को खेती को अब व्यवसायिक रूप देना होगा। अब किसानों को डेयरी फार्म, मुधमक्खी फार्म, फूलों व सब्जियों के खेती करनी चाहिए, जिससे व्यवसाय में वृद्धि हो सके।


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