गिफ्ट नहीं दे सकते एनएसजी सदस्यता
पेइचिंग— भारत की एनएसजी सदस्यता की राह में चीन को अवरोधक बताने वाले बराक ओबामा प्रशासन के बयान पर चीन ने पलटवार किया है। चीन ने कहा कि एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देश को एनएसजी की सदस्यता किसी देश का प्रशासन विदाई गिफ्ट के तौर पर नहीं दे सकता है। गौर रहे कि अमरीका की दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने भारत की एनएसजी प्रवेश में चीन को अवरोधक बताया था। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चनयिंग ने सोमवार को कहा कि भारत की एनएसजी सदस्यता के आवेदन और एनपीटी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों के लिए एनएसजी में प्रवेश के नियम के देखते हुए हमने अपनी बात रख दी है और हम आगे इसे दोहराना नहीं चाहते हैं। हुआ ने ओबामा प्रशासन पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं यह बताना चाहता हूं कि एनएसजी सदस्यता कोई विदाई गिफ्ट नहीं है, जिसे एक देश दूसरे देश को गिफ्ट करे। बता दें कि ओबामा का बतौर राष्ट्रपति दूसरा और अंतिम कार्यकाल में कुछ दिनों में खत्म होने वाले है। 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप अमरीका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
युद्ध पड़ेगा महंगा, पर हटेंगे नहीं
नई दिल्ली — ट्रंप अभी आधिकारिक तौर पर अमरीका के राष्ट्रपति नहीं बने हैं। इसके बावजूद चीन के साथ उनकी कड़वी बयानबाजियों और चेतावनियों का सिलसिला शुरू हो गया है। चीन के अखबारों ने सोमवार को अपने संपादकीय में ट्रंप को सीधे-सीधे न केवल चुनौती दी है, बल्कि सख्त चेतावनी दी है। माना जाता है कि चीनी अखबार वही लिखते हैं, जो कि वहां की कम्युनिस्ट सरकार लिखवाना चाहती है। कई बार कूटनीतिक पेचों के कारण जो बात सरकार सीधे नहीं कह पाती, वह अपने अखबारों के माध्यम से प्रकाशित करवाती है।
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