डाक्टर ने जड़ा धमकाने का आरोप

By: Jan 5th, 2017 12:15 am

काम नहीं करने पर दी तबादले की धमकी, बातचीत का आडियो सोशल मीडिया पर वायरल

newsबिलासपुर —  डीएफओ के साथ हुए कथित मारपीट प्रकरण के बाद सदर विधायक एक बार फिर सुर्खियों में हैं। अब जिला अस्पताल में कार्यरत एक अस्थि रोग विशेषज्ञ ने सदर विधायक पर उन्हें डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि सदर विधायक उन्हें एक ऐसे काम को करने का दबाव बना रहे हैं,जो सरकार की गाइडलाइन व कानून की नजर में सही नहीं है। चिकित्सक ने  विधायक के साथ हुई इस बातचीत को अपने फोन पर रिकार्ड भी किया है। यह आडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया हे। विधायक द्वारा चिकित्सक के साथ इस प्रकार के व्यवहार से खिन्न चिकित्सकों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य निदेशक, स्वास्थ्य सचिव और सीएमओ को दी है। वहीं, उन्होंने चेतावनी भी दी है यदि विधायक उनसे  लिखित रूप से माफी नहीं मांगते हैं तो वे संघर्ष का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे।  अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. जसबीर सिंह ने अस्पताल में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एक व्यक्ति की घुटने के नीचे से टांग कटी हुई थी। सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक घुटने से नीचे टांग कटी होने पर साठ फीसदी और घुटने से ऊपर तक कटी होने पर अस्सी फीसदी अपंगता मानी जाती है। कई बार इसे न्यायालय में प्रूव भी करना पड़ता है। लेकिन  विधायक उन्हें इस व्यक्ति के लिए नियमों को दरकिनार करते हुए उसे फुल अपंगता के लिए योग्य ठहराने को बाध्य कर रहे थे।  सदर विधायक ने उन्हें सीधे रूप से धमकाते हुए कहा कि अगर वह उनका कहना नहीं मानते हैं तो उन्हें लाहुल-स्पीति या केलांग के लिए ट्रांसफर कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस प्रकरण के बारे में राज्य मेडिकल आफिसर्ज एसोसिएशन को भी अवगत करवा दिया है। जिला मेडिकल आफिसर्ज एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. सतीश शर्मा ने बताया कि अस्पताल के सभी चिकित्सा विशेषज्ञ जिला  डिसएबिलिटी बोर्ड के सदस्य होते हैं। इसकी निगरानी बोर्ड के चेयरमैन सीएमओ करते हैं। इसमें कोई भी चिकित्सक अपनी मर्जी नहीं कर सकता है।  बहरहाल डाक्टरों ने विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

20 हजार मांग रहा था डाक्टर

सदर विधायक बंबर ठाकुर ने बताया कि कंदरौर निवासी श्यामलाल उनके पास अपनी समस्या लेकर आया था। श्यामलाल ने बताया कि डा. जसबीर सिंह ने पिछले महीने उसका 35 प्रतिशत अपंगता का प्रमाण पत्र बनाया था, लेकिन दोबारा मेडिकल  बोर्ड में इसी डा. ने उसका अपंगता प्रमाण बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया। श्यमालाल ने लिखित प्रार्थना पत्र में कहा कि उसने डा. को कहा कि उसकी एक टांग कट चुकी है, जिस कारण उसकी अपंगता 60 प्रतिशत से अधिक है। इस पर डाक्टर ने 60 प्रतिशत से अधिक का अपंगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए श्यामालाल से 20 हजार रुपए देने की मांग की। श्यामलाल ने इसकी लिखित शिकायत उनके पास देने के बाद ही उन्होंने इस डाक्टर को फोन  किया और उससे किसी का अपंगता प्रमाण पत्र 60 प्रतिशत और किसी का 70 तो किसी का 80 प्रतिशत बनाने का कारण पूछा, जबकि सबका मैटर एक सा ही था। उन्होंने बताया कि बातों ही बातों में डाक्टर ने फोन पर कहा कि वह बिलासपुर में नौकरी नहीं करना चाहता, जिस पर उन्होंने भी उसे ट्रांसफर करने की बात कह दी।

दो ने छोड़ी नौकरी

राजनीतिज्ञों की इसी दखलंदाजी के चलते बिलासपुर के अस्पताल के कई चिकित्सक अपनी नौकरी छोड़ चुके हैं। जिनमें एमडी मेडिसिन व एक सर्जन शामिल हैं, जबकि एक और गायनी विशेषज्ञ चिकित्सक नौकरी छोड़ने को तैयार है।

16 डाक्टर तैनात

बिलासपुर अस्पताल में वर्तमान में कुल 28 चिकित्सकों की आवश्यकता है। लेकिन अभी फिलहाल 16 चिकित्सक ही यहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से करीब चार चिकित्सक डेपुटेशन पर सेवाएं दे रहे हैं।


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