तरक्की के दरवाजों पर जड़ दिया ताला

By: Jan 6th, 2017 12:05 am

ठियोग  —  काग्रेस मंडल जुब्बल कोटखाई ने केंद्र की मोदी सरकार के बागबानों के हितों से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। मंडल अध्यक्ष रमेश चौहान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओपी रांटा, कोषाध्यक्ष हेतराम चौहान, महासचिव राकेश चौहान और राम प्रकाश मोकटा ने संयुक्त बयान में कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार हिमाचल के साथ भेदभाव की राजनीति कर रही है। केंद्र की भाजपा सरकार ने जहां पर जम्मू-कश्मीर को 500 करोड़ का विशेष पैकेज बागबानी क्षेत्र के आधारभूत ढ़ाचे को सुदृढ़ करने के लिए दिया, वहीं पर हिमाचल प्रदेश में सात सीए स्टोरों की परियोजनाओं को रद्द कर दिया है जिसमें से तीन सीए स्टोर (खड़ा पत्थर, चुराह, पतलीकूहल ) जो कि 16.31 करोड़ की लागत से बनने थे और जिनके समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी हो गए थे और प्रदेश सरकार ने अपना हिस्सा भी जिसमें जमा करवा दिया था। हिमाचल प्रदेश की केवल ए्रक मात्र ऐपीडा निर्देशक होने के बाबजूद पूर्व बागबानी मंत्री नरेंद्र बरागटा ने हिमाचल प्रदेश के बागबानों की मदद करने के बजाय ये सभी परियोजनायों को रद्द करवा दिया। सात में से तीन तो नरेंद्र बरागटा के अपने विधान सभा क्षेत्र जुब्बल-कोटखाई की ही परियोजनाएं थीं। नरेंद्र बरागटा ने जुब्बल-कोटखाई और पूरे प्रदेश की जनता के हितो के साथ खिलवाड़ किया है, जबकि पूर्व में केंद्र में यूपीए सरकार के कार्यकाल के समय (2010-2014) हिमाचल प्रदेश के लिए ऐपीडा के माध्यम से 37 करोड़ की लागत से 11 विभिन्न परियोजनाएं दी गइर्ं और जिसका झूठा श्रेय पूर्व बागबानी मंत्री नरेंद्र बरागटा लेते रहे और आज जब वह खुद एक मात्र हिमाचल प्रदेश से ऐपीडा के निदेशक है तब वह जिन परियोजनाओं का समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी हो गए थे उसे भी उन्होंने रद्द करवा दिया। पूर्व बागबानी मंत्री नरेंद्र बरागटा ने पूरे प्रदेश के बागबानों के साथ धोखा किया है। बागबानी मंत्री रहते हुए उन्होंने जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र में गुम्मा स्थित र्काटन फैक्टरी  कैड़ीओं  के भाव बेच दी, और पिछले अढ़ाई वर्ष से ऐपीडा के निर्देशक होते हुए तीन सीए स्टोर (खड़ा पत्थर, बाघी, अणु) जो उनके अपने विधानसभा क्षेत्र में लगने थे उसे भी रद्द करवा दिया।


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