तीस से पहले लगाएं नए बागीचे

By: Jan 17th, 2017 12:05 am

भुंतर – देवभूमि कुल्लू में बर्फबारी और बारिश से रूपी घाटी के किसानों और बागबानों ने राहत की सांस ली है। मटर उत्पादकों के लिए बारिश खुशखबरी लाई है, वहीं सेब के लिए बर्फ को बागबानों ने संजीवनी करार दिया है। इसके साथ किसानों बागबानों ने आने वाले दिनों में और बारिश और बर्फ की भी आस लगाए रखी है। वैज्ञानिकों ने भी घाटी के किसानों-बागबानों को सलाह दी है कि वे अब अपनी कृषि व बागबानी के अधूरे पड़े कार्र्यों को शीघ्र पूरा कर लें।  सोमवार को जिला कुल्लू की रूपी-पार्वती घाटी के बरशैणी-मणिकर्ण, बिजली-महादेव, दियार-गड़सा सहित अन्य इलाकों में ताजा हिमपात हुआ। हिमपात के बाद किसानों-बागबानों को राहत मिली है। वैज्ञानिकों ने बागबानों को सलाह देते हुए कहा कि अपने बागीचों में जुट जाएं और प्रूनिंग खाद व स्प्रे के कार्य को निपटाएं। इसके अलावा बागबानों को सलाह दी है कि 30 जनवरी से पूर्व नए पौधे लगाने का कार्य किसी भी रूप में पूरा कर लें। उल्लेखनीय है कि बागबानों ने नए बागीचे लगाने के लिए गड्ढे दिसंबर माह में ही तैयार कर रखे थे। घाटी के नग्गर, मनाली, मणिकर्ण, जलूग्रां, बरशैणी, बंजार, सैंज  में सबसे ज्यादा ऐसे बागबान हैं, जो नए बागीचे लगाने जा रहे हैं। वहीं दियार, गड़सा, लगघाटी, राहला न्यूल क्षेत्र में भी कुछ बागबानों ने नए बागीचे लगाने के लिए कवायद शुरू कर दी है। बागबान बारिश के इंतजार में थे और अब इंद्रदेव ने  बागबानों की मुराद पूरी कर दी है। मटर के लिए तो बारिश राहत  है, वहीं सेब के लिए भी यह बारिश और बर्फबारी लाभदायक होने वाली है। बजौरा स्थित बागबानी अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक भूपेंद्र ठाकुर के अनुसार नए बागीचे लगाने का समय निकलता जा रहा है और जनवरी माह में ही यह प्रक्रिया जो बागबान पूरी कर लेगा तो परिणाम भी बेहतर निकलेंगे। इसके अलावा उन्होंने सेब के पौधों को स्कैव व दूसरी बीमारियों की रोकथान के लिए भी सतर्क रहें। बहरहाल कुल्लू के किसानों-बागबानों ने बारिश को उनके लिए संजीवनी बताया है।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App