…तो ऐसे अस्पताल का क्या करें

By: Jan 31st, 2017 12:07 am

newsकुल्लू  —  सूबे के चार जिलों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने वाले क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में स्वास्थ्य सेवाएं लगातार चरमर्रा रही हैं। लगातार डाक्टरों का अवकाश पर चले जाना मरीजों पर भारी पड़ रहा है। मरीजों को उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू छोड़कर मंडी तथा प्रदेश के अन्य अस्पतालों या निजी अस्पतालों की तरफ रुख करना पड़ रहा है। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में सोमवार को लगभग छह डाक्टर अवकाश पर थे, वहीं तीन प्रशिक्षण पर थे, जिससे कई ओपीडी में ताला लटके हुए थे। वहीं, जो ओपीडी खुली थीं, वहां पर मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि कइयों की शाम तक बारी ही नहीं आई। ऐसे में इन मरीजों को बिना उपचार बैरंग घर लौटना पड़ा। कई मरीज जिला के बर्फीले इलाकों से क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू उपचार के लिए पहुंचे थे, लेकिन डाक्टर नहीं मिलने से उन्हें मायूस होकर घर लौटना पड़ा। वहीं, कई मरीज निजी अस्पतालों की ओर उपचार को निकले। ओपीडी में डाक्टर नहीं मिलने के कारण कई मरीज एमर्जेंसी में गए, लेकिन वहां पर भी मात्र एक डाक्टर होने से मरीजों की लाइनें लगी रहीं । लिहाजा, क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में दिन-प्रतिदिन डाक्टरों की संख्या कम होती जा रही है। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में लगभग 35 डाक्टरों के पद स्वीकृत हैं। 11 से ज्यादा डाक्टरों के पद रिक्त चल रहे हैं, जिससे समस्या और गहरा रही है।

पीएचसी-सीएचसी को दें जानकारी

उधर, जिलावासी रोहित, कमलेश, मीनू, सरला का कहना है कि जब क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू से डाक्टर अवकाश पर चले जाते हैं तो अस्पताल प्रशासन को पीएचसी और सीएचसी को भी सूचना देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पीएचसी और सीएचसी के डाक्टर कुल्लू अस्पताल के लिए लिखते हैं, लेकिन वहां पर डाक्टर ही नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में पीएचसी और सीएचसी को जानकारी देना जरूरी है, ताकि मरीज समय पर उपचार के लिए किसी दूसरे अस्पताल का रुख कर सकें।

नोटिस पढ़कर मायूस लौटे मरीज

जिला कुल्लू के कई ग्रामीण क्षेत्रों से हड्डियों के मरीज उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल की आर्थो ओपीडी में पहुंचे थे, लेकिन उन्हें पता नहीं था कि डाक्टर नहीं मिलेंगे। जब ओपीडी के बाहर सूचना पढ़ी, तो उन्हें बिना उपचार के मायूस होकर घर लौटना पड़ा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App