दियोटसिद्ध ट्रस्ट के स्टोर से निकले बजरंगबली
हमीरपुर — एक दशक से बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध ट्रस्ट के स्टोर में कैद बजरंगबलि बाहर निकल आए हैं। दूसरे सामान के साथ कोने में पड़ी बजरंगबली की विशालकाय मूर्ति पर साढ़े नौ साल बाद न्यास प्रशासन की नजर पड़ी है। इसके चलते अब न्यास ने मूर्ति की स्थापना चरणपादुका के समीप विधिवत रूप से की है। इस मूर्ति को पंजाब के एक श्रद्धालु ने वर्ष 2007 में भेंट किया था। उस दौरान मूर्ति को यकायक स्थापित करना संभव नहीं था। लिहाजा इसे स्टोर में रख दिया गया। हैरत है कि उसके बाद बजरंगबली न्यास के स्टोर में ही कैद होकर रह गए। मंदिर न्यास ने हनुमान के मंदिर निर्माण का भी खाका तैयार किया है। जाहिर है कि दियोटसिद्ध में बाबा बालकनाथ की प्रसिद्ध गुफा के अलावा शिव मंदिर है। उत्तरी भारत के इस नामी धाम में अब बाबा बालकनाथ और शिव के अलावा तीसरा हनुमान का मंदिर होगा। गुफा के ऊपर बाबा बालकनाथ की चरण पादुकाएं हैं और इसके समीप ही बजरंगबली के मंदिर का निर्माण होगा। इसके चलते सड़क मार्ग से लेकर चरण पादुका स्थल तक के मार्ग को और ज्यादा बेहतर बनाने की कवायद है। बंदरों से घिरे इस मार्ग में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए दोनों तरफ लोहे की जाली स्थापित की गई है। अब इस मार्ग के ऊपर लोहे की छत डालकर इसे पूरी तरह से कवर कर दिया जाएगा। बताते चलें कि चरण पादुका के दर्शनों को जाने वाले श्रद्धालु हमेशा ही बंदरों के हमले से आतंकित रहते हैं। अब बजरंगबली का नया मंदिर भी यहीं बन रहा है। लिहाजा इस मार्ग का महत्त्व और बढ़ गया है। इसके चलते इस मार्ग को सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह कवच पहनाया जाएगा।
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