देवसदन कुल्लू में समाएगी संस्कृति

By: Jan 19th, 2017 12:01 am

ट्रस्ट की लाइब्रेरी में रखी जाएंगी दो करोड़ की किताबें, देव संस्कृति की हर जानकारी मिलेगी

कुल्लू —  अब देश-विदेश के शोधार्थियों की देव संस्कृति पर शोध करने की राह और आसान होगी। पहले शोधार्थियों को रिसर्च वर्क के लिए दुर्गम गांवों में जाना पड़ता था, लेकिन अब शोध की सारी सामग्री जिला मुख्यालय कुल्लू स्थित देवसदन में प्राप्त होगी। शोध कार्य की आधी किताबें देवसदन कुल्लू में पहुंच गई हैं। यह शोधार्थियों के लिए सौगात से कम नहीं है। किताबों में  देवभूमि कुल्लू की देव संस्कृति की सारी जानकारी मिलेगी। देवी-देवताओं की गाथाओं का इसमें जिक्र बारीकी से मिलेगा। देवसदन कुल्लू देव संस्कृति को कायम रखने के लिए देव संस्कृति चैरिटेबल ट्रस्ट कुल्लू ने अहम कदम उठाया है। चैरिटेबल ट्रस्ट ही देवसदन कुल्लू में लाइब्रेरी चलाएगा। ट्रस्ट को यहां देव संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक कमरा, शोध कार्य के लिए पुस्तकें प्रदान हुआ है। यही नहीं, ट्रस्ट को दो करोड़ रुपए की किताबें सरकार की तरफ से मिलेगी। पिछले दिनों ट्रस्ट को 50 हजार रुपए की किताबें प्रदान हुई हैं। एक लाख रुपए की किताबें अगले महीने ट्रस्ट को आने की उम्मीद है। उससे पहले ट्रस्ट उपायुक्त के साथ बैठक करेगा।

ये किताबें पहुंची

शोधार्थियों को शोध करने के लिए ऋगवेद संहिता, कुंडलिनी शक्ति, सुश्रुत संहिता, धर्म सिंधु, अथर्ववेद, महाभारत, मनस्मृति, अठारह पुराण आदि  व देवसंस्कृति से जुड़ी अनेक किताबें मिली हैं।

हर जानकारी होगी

ट्रस्ट जिला कुल्लू के विभिन्न जगहों के देवी-देवताओं की परंपराओं का बारीकी से शोध करेगा। देवी-देवता वृक्ष में किस तरह से विद्यमान हैं इसकी भी उसमें पूरी जानकारी होगी।

रिसर्च में फायदा

देवसदन में जितने भी ग्रंथ की विद्यमान हैं। उन्हें शोधार्थी नहीं बल्कि आम लोग तथा छात्र भी पढ़ सकते हैं। यहां पर ट्रस्ट का स्टाफ मौजूद रहेगा। देवसदन में चारों वेदों की किताबें पहुंच गई हैं।


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