दो फीसदी डीए..यह कैसा मजाक

By: Jan 18th, 2017 12:01 am

घोषणा से कर्मचारी नाराज; दफ्तरों में दिनभर चर्चाओं का दौर, सात फीसदी महंगाई भत्ते की उठी मांग

शिमला — प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को दो फीसदी डीए की अधिसूचना का कर्मचारी परिसंघ ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्व संशोधित वेतनमानों पर दो प्रतिशत महंगाई भत्ता जबरदस्ती थोपकर जहां एक तरफ  कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान की तरफ  धकेल रही है, वहीं महंगाई भत्ते के आधारित केंद्रीय सिद्धांतों से भी छेड़छाड़ करके मंहगाई भत्ते का अलग पैटर्न खड़ा करने की कोशिश कर रही है। आज तक इतिहास में ऐसा नहीं हुआ है कि किसी भी राज्य ने महंगाई भत्ते के तय मानकों, जो कि पूरी तरह ‘राष्ट्रीय मूल्य सूचकांक’ पर आधारित होते हैं, से छेड़छाड़ की हो। परिसंघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा जारी महंगाई भत्ते की अधिसूचना इस बात की ओर इशारा है कि सरकार अपनी मर्जी से जो कर्मचारियों को देना चाहे, वही मान्य होगा, जो कि केंद्रीय सेवा नियमों और वेतनमानों के मूलभूत ढांचे के तय मानकों को दरकिनार करना है। ये प्रदेश के कर्मचारियों को कभी भी मान्य नहीं होगा। परिसंघ ने कहा है कि महंगाई भत्ते के फार्मूले पर राज्य सरकार केंद्रीय मानकों के अनुरूप यदि महंगाई भत्ता देना ही चाहती है, तो वह पूर्व संशोधित वेतनमानों पर सात प्रतिशत देय बनता है और यदि सरकार दो प्रतिशत महंगाई भत्ता जारी करती है तो यह पूर्व संशोधित वेतनमानों के मूल वेतन जमा ग्रेड-पे व उस पर 125 प्रतिशत महंगाई भत्ते की गणना उपरांत उस पर दो प्रतिशत महंगाई भत्ते का यह सिद्धांत केंद्रीय मानकों के अनुरूप रहेगा। अन्यथा संशोधित वेतनमानों के बाद प्रदेश के कर्मचारियों को इसका भारी नुकसान होगा।

तुरंत वापस लें अधिसूचना

पूर्व संशोधित वेतनमानों पर दो प्रतिशत महंगाई भत्ते का समायोजन वेतनमानों में सरकार कहां कर पाएगी, इस पर सरकार तुरंत विचार करते हुए इस अधिसूचना को सरकार वापस ले, क्योंकि कर्मचारियों ने कभी भी दो प्रतिशत महंगाई भत्ते की न तो मांग की है और न ही यह बनता है।

जेसीसी पर भी उठे सवाल

जेसीसी बैठक में लिए गए निर्णयों पर अभी तक आदेश जारी नहीं हुए हैं, केवल डीए की अधिसूचना हुई। ऐसे में कर्मचारी उस जेसीसी की बैठक पर भी सवाल उठाने लगे हैं। अढ़ाई लाख कर्मचारियों में फिलहाल इस मुद्दे से नाराजगी है और देखना होगा कि महासंघ मुख्यमंत्री से इस बात को उठाकर कब तक इसका हल करवाता है।

बयान पर भड़के निगम कर्मचारी

हमीरपुर — हिमाचल पथ परिवहन निगम ड्राइवर यूनियन के कर्मचारी उस बयान से भड़क गए हैं, जिसमें कहा गया है कि हमीरपुर के एक अधिकारी की सेवानिवृत्ति पर कर्मचारियों के वेतन से पैसे काट लिए हैं। संघ का कहना है कि परिवहन निगम के एक बर्खास्त कर्मचारी नेता ने सवाल खड़े किए थे कि कर्मचारियों से बिना पूछे वेतन से पैसे काट लिए हैं। यह पैसे इकाई के छह यूनियनों के पदाधिकारियों की सहमति से काटे गए हैं। इसमें परिवहन मजदूर संघ के हमीरपुर इकाई के महासचिव का सहमति पत्र प्रबंधन को दिया गया है। इसलिए इस बर्खास्त नेता को निगम हमीरपुर इकाई की ड्राइवर्ज यूनियन सलाह देती है कि पहले नेता अपने संगठन के पदाधिकारियों को पूछकर बयान दिया करें। हमीरपुर ड्राइवर्ज यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश ठाकुर, अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर व प्रदेश सचिव जगरन्नाथ ठाकुर ने उक्त नेता को सलाह दी है कि वह गलत बयानबाजी न करें।


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