दौलतपुर चौक में न एयरपोर्ट बना, न खुला ऑयल डिपो

By: Jan 22nd, 2017 12:05 am

दौलतपुर चौक – गगरेट विस क्षेत्र कहीं न कहीं नकारात्मक राजनीति का शिकार होने की वजह से विकास के मामले में पिछड़ता जा रहा है। गगरेट विस क्षेत्र में भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियां विकास कार्यों पर राजनीति करती रही हैं, जिसके चलते गगरेट में कोई भी बड़ा प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ पाया।  गगरेट में अगर भाजपा सरकार के समय कोई बड़ा प्रोजेक्ट आया तो, उसे कांग्रेस ने और यदि कांग्रेस के समय कोई बड़ी योजना यहां मंजूर हुई तो, उसे भाजपा ने सत्तासीन होते ही या तो बंद करवा दिया या कहीं अन्यत्र विस क्षेत्र को शिफ्ट कर दिया। गगरेट में दोनों ही पार्टियों द्वारा विकास के कार्यों पर राजनीति करना आम जनता पर भारी पड़ता रहा है। इसका खामियाजा आने वाले समय में आम जनता को भुगतना पड़ेगा। अगर गगरेट की जनता ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एकजुटता न दिखाई, तो आने वाले समय में गगरेट विधानसभा क्षेत्र अति पिछड़ा क्षेत्र बनने की संभावना है। विदित रहे कि 10 वर्ष पूर्व गगरेट में स्पेशल आर्थिक जोन सेज के तहत करोड़ों रुपए निवेश किए जाने की पहल हुई थी, जिसके तहत एयरपोर्ट बनना था। इस विशेष आर्थिक जोन में सड़कें, स्कूल, स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ आर्थिक गलियारा तैयार होना प्रस्तावित था, जो शायद गगरेट विस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर ला देता, परंतु जनता का समर्थन न मिलने से उक्त प्रोजेक्ट गगरेट के हाथों से छूट गया। भंजाल क्षेत्र में इंडियन ऑयल का डिपो मिला, परंतु वह भी नकारात्मक राजनीति की भेंट चढ़ गया। अगर उक्त इंडियन ऑयल का डिपो भंजाल क्षेत्र में खुल जाता, तो सैकड़ों ट्रक आपरेटरों को घर द्वार रोजगार मिलता। साथ ही छोटे चाय, ढाबे किराने एवं अन्य दुकानदार को फायदा मिलता। क्षेत्र की आर्थिकी सुधरती और गगरेट विस क्षेत्र विकास की बुलंदियों को छूता, परंतु राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी के चलते उक्त प्रोजेक्ट छिन गया। गांव वालों में भ्रम फैल गया कि उक्त प्रोजेक्ट लग गया, तो आग की घटना हो सकती है, जो शायद इस क्षेत्र की सबसे बड़ी बदकिस्मत रही। ऐसा ही हाल कुछ मुबारिकपुर क्षेत्र में स्वीकृत हुए केंद्रीय विद्यालय के साथ हुआ, जो शिफ्ट होकर जिला के अन्य विस क्षेत्र में पहुंच गया और इस क्षेत्र की जनता हाथ मलते रह गई। गगरेट विस क्षेत्र की जनता को करलुही में खुलने वाली सब्जी मंडी के न खुलने से जख्मी नासूर बन चुके हैं। अगर उक्त सब्जी मंडी बिना किसी राजनीति के खुल जाती, तो शायद क्षेत्र के हजारों किसानों को फायदा मिलता। उनके खेतों में उगने वाले फल एवं सब्जियों को सही दाम मिलता।

केंद्रीय विद्यायल शिफ्ट

केंद्रीय विद्यालय शिफ्ट होने से गगरेट विस क्षेत्र के साथ-साथ चिंतपूर्णी विस क्षेत्र की जनता भी सस्ती एवं गुणवत्ता आधारित शिक्षा से वंचित रह गई। परंतु इंडियन ऑयल का डिपो और केंद्रीय विद्यालय शिफ्ट होना अभी विपक्ष का मुख्य मुद्दा बना हुआ है।

 


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