नहीं रहे चांद पर आखिरी कदम रखने वाले सरनान
हूस्टन – जीन सरनान चांद पर चलने वाले आखिरी अंतरिक्षयात्री थे। सोमवार को 82 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई। हूस्टन अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके परिवार ने बताया कि अंतरिक्ष को लेकर उनका समर्पण कभी कम नहीं हुआ। सरनान के परिवार की ओर से दिए गए बयान को नासा ने जारी किया। इसमें सरनान के परिवार ने बताया कि 82 साल की उम्र में भी जीन अंतरिक्ष में चल रहे अभियानों को देखने की इच्छा रखते थे। उन्होंने देश के नेताओं और युवाओं से अपील की कि उन्हें चांद पर जाने वाले वह आखिरी व्यक्ति न रहने दें। सरनान नासा के अपोलो 17 मिशन के कमांडर थे। यह अभियान अंतरिक्ष में उनका तीसरा अभियान था। इसी मिशन के दौरान उन्होंने चांद पर पैर रखा था। 14 दिसंबर, 1972 को वह चांद पर जाने वाले अब तक के आखिरी व्यक्ति बन गए। चांद से वापस अंतरिक्ष यान में लौटते समय उन्होंने अपने इकलौते बच्चे के नाम का पहला अक्षर चांद की जमीन पर लिखा। इस मौके ने उन्हें निजी और सार्वजनिक तौर पर हमेशा-हमेशा के लिए यादगार बना दिया। साल 2007 में अपने अनुभव के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि अंतरिक्षयान में वापस लौटने के लिए सीढि़यां चढ़ना बहुत मुश्किल हो रहा था। मैं वापस नहीं लौटना चाहता था। मैं कुछ वक्त वहां रुकना चाहता था। सरनान ने इस पल को अपनी जिंदगी का सबसे शानदार मौका बताया था।
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