निजी निवेश बढ़ाने को बनाई रणनीति

By: Jan 25th, 2017 12:02 am

संगठनों की सहायता के लिए योग्यता प्राप्त ट्रांजेक्शन एडवाइजर्स पैनल को अंतिम रूप

चंडीगढ़ — हरियाणा सरकार ने अवसंरचना में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक नीति बनाई है और इसी कड़ी में सार्वजनिक, निजी भागीदारी पीपीपी, परियोजनाओं के लिए संबद्ध विभागों या संगठनों की सहायता के लिए पूर्व योग्यता प्राप्त ट्रांजेक्शन एडवाइजर्स के एक पैनल को अंतिम रूप दिया है। इस नीति को लागू करने के लिए सार्वजनिक,निजी भागीदारी की परियोजनाओं की पहचान करने तथा विकास के लिए संबद्ध विभागों को ट्रांजेक्शन एडवाइजरी सेवाएं उपलब्ध करवाने के साथ-साथ क्षमता निर्माण की भी आवश्यकता है। ट्रांजेक्शन एडवाइजर्स का पैनल प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से बनाया गया है। उनके पैनल के लिए मूल्यांकन मानदंडों के आधार पर मूल्यांकन किया गया है, जिसके तहत प्रत्येक एजेंसी को मुख्य अवसंरचना या सामाजिक अवसंरचना में पीपीपी परियोजनाओं के लिए वार्षिक कारोबार,  एडवाइजरी सेवाओं में अनुभव और मानव संसाधनों की क्षमता जैसी आवश्यकताओं को पूरा करना होता है। यह पैनल राज्य सरकार के सभी विभागों या सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों या शहरी स्थानीय निकायों और अन्य राज्य एजेंसियों, जहां पीपीपी परियोजनाएं चलाई जानी हैं, के लिए उपलब्ध रहेगा।  पैनल पर उपलब्ध फर्मों को ट्रांजेक्शन एडवाइजरी, प्रबंधन सेवाएं उपलब्ध करवाने में पहले ही सक्षम माना जा चुका है। उनकी नियुक्ति के लिए परियोजना विशिष्ट संदर्भ शर्तें टर्म्स ऑफ रेफरेंस संबंधित निर्णायक प्राधिकरण द्वारा तैयार की जाएंगी, जो परियोजनाओं के निष्पादन के लिए उपायुक्तत के दृष्टिगत पैनल सूची से कम से कम तीन ट्रांजेक्शन एडवाइजरों से वित्तीय बोलियां आमंत्रित करेगा। उन्होंने बताया कि ट्रांजेक्शन एडवाइजर का कार्य पूरा होने के बाद अंतिम रिपोर्ट विभाग को उपलब्ध करवाई जाएगी। यह पैनल तीन वर्ष की अवधि के लिए वैध होगा, जिसे वर्ष दर वर्ष आधार पर दो वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है। यदि कोई फर्म पेशेवर तरीके से आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवाने में सक्षम नहीं है तो वित्त विभाग ऐसी फर्म को पैनल से हटा सकता है। उन्होंने बताया कि सभी विभागाध्यक्षों, प्रदेश में सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बोर्डों, निगमों, कंपनियों, सहकारी संस्थानों  के प्रबंध निदेशकों, मुख्य प्रशासकों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को इस आशय का एक पत्र भेजा गया है।


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